रिपोर्ट: नंदनी तोदी
लखनऊ: योगी सरकार कोरोना के बाद से काफी सक्रिय हो गई है। जहा योगी सरकार कोरोना वक्सीनशन में सबसे आगे है, वही अब बार फिर से योगी सरकार ने प्रदेश के लोगों के लिए एक नै पहल की शुरआत की है।
दरअसल, सरकार प्रदेश के लोगों की यूनिक हेल्थ आईडी तैयार कराएगी। इसका मकसद हर नागरिक तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है। डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूत बनाना चाहती है।
सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2021-22 के बजट में इसका ऐलान करते हुए 2.5 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की थी। अब इस दिशा में काम आगे बढ़ाने के लिये तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा अब घरों पर भी यूनिक आईडी नंबर प्लेट लगाई जाएगी, जिसपर क्यूआर कोड भी होगा। जिसे स्कैन करते ही उस घर का पूरा ब्योरा मिल जाएगा।
लोगों का नाम डिजिटल हेल्थ रिकाॅर्ड ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ (एनडीएचएम) के अंतर्गत जुटाया जाएगा। इसकी कवायद उसी समय से शुरू कर दी गई, जब अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर नागरिक को डिजिटल हेल्थ आईडी दिये जाने की बात कही थी। अब यूपी सरकार प्रदेश के वासियों की हेल्थ आईडी पर तेजी से काम शुरू करने जा रही है।
आपको बता दें, सबकी डिजिटल हेल्थ आईडी बनेगी जिसमें उस व्यक्ति की सेहत का सारा रिकाॅर्ड रहेगा। हर नागरिक का इलेक्ट्राॅनिक रिकाॅर्ड (ईएचआर) संरक्षित कर उसे एक यूनिक हेल्थ आईडी दी जाएगी। इसका फायदा ये होगा कि वह कहीं भी अपने रिकाॅर्ड के साथ इलाज करा सकेगा।
इतना ही नहीं, इस आईडी में बीमारी, जांच रिपोर्ट और इलाज तक का सारा डाटा दर्ज होगा। इससे आगे के इलाज में मदद मिलेगी। ये रिकाॅर्ड बेहद सेफ होगा। हर आदमी इसे अपने निजी रिकाॅर्ड की तरह रखेगा। बिना उसकी इजाजत के इसे कोई नहीं देख सकेगा। जरूरत पड़ने पर डाॅक्टर भी इसे मरीज की इजाजत के बाद ही देख सकेंगे।
आपको बता दें, नेशनल हेल्थ अथाॅरिटी (एनएचए) को इसकी नोडल एजेंसी बनाया गया है। लोगों का हेल्थ डाटा उनकी इजाजत से ही संरक्षित होगा। स्वास्थ और डाॅक्टरों का रिकाॅर्ड एक वेबसाइट के जरिये संचालित होगा। इसमें बाकायदा एक ओटीपी सिस्टम काम करेगा, जिससे बिना मरीज की अनुमति के उसका रिकाॅर्ड किसी को साझा नहीं किया जा सकेगा। सरकार से कोई आर्थिक मदद लेने पर हेल्थ आईडी को आधार से लिंक करना होगा।