1. हिन्दी समाचार
  2. योग और स्वास्थ्य
  3. पोटेशियम बढ़ने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?

पोटेशियम बढ़ने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?

पोटेशियम आपकी नसों, मांसपेशियों और हृदय को ठीक से क्रियान्वयन करने में मदद करता है, और आपकी सेल्स के आसपास न्यूट्रिएंट्स से भरे तत्वों और अपशिष्ट को स्थानांतरित करने में भी मदद करता है। पोटेशियम एक केमिकल कंपाउंड है; इसको सिंबल K से डिनोट किया जाता है और इसमें परमाणु की संख्या 19 होती है।

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

पोटेशियम क्या होता है?

पोटेशियम वह मिनरल है जो शरीर के सभी कार्यों को पूरा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कारक है। यह नर्वस सिस्टम, मांसपेशियों और हृदय को ठीक से काम करने में मदद करता है, साथ ही आपकी सेल्स के आसपास महत्वपूर्ण पोषक तत्वों और खराब मल को स्थानांतरित करने में भी मदद करता है।

पोटेशियम का हमारे शरीर में मुख्य कार्य

हमारे शरीर में पोटेशियम एक महत्वपूर्ण खनिज है जो की हमारे सेवन किए गए खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है। पोटेशियम के कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:

  • मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करना
  • नर्व को संकेत भेजना
  • शारीरिक द्रव्य (body fluid) को नियंत्रित करना

शरीर में पोटेशियम की कमी के लक्षण और कारण

शरीर में पोटेशियम की कमी होने पर कुछ लक्षण दिखने लगते हैं, जिससे व्यक्ति समझ सकता है कि वह सही खाद्य पदार्थ ले रहा हो या नहीं ले रहा है। समान्यतः पोटेशियम की कमी के लक्षण हल्के ही होते हैं, इसलिए विशेष रूप से इस पर ध्यान देना पड़ता है। शरीर में पोटेशियम की कमी को सबसे बड़ा लक्षण है पैरों या बाजुओं में कमजोरी या थकान महसूस होने लगती है।

जो कई बार इतनी भयानक होती है कि पैर हिलाने तक में तकलीफ होती है। जो कि पोटेशियम की कमी का पहला संकेत मान सकते हैं। इसके अलावा त्वचा का सुन्न होना या झुनझुनी आना भी अन्य लक्षण हैं। इसकी कमी होने पर यह आमतौर पर टांगों, पैरों या बाजुओं पर महसूस होता है।

मांसपेशियों में ऐंठन या मरोड़, अत्यधिक निम्न रक्तचाप, मतली, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ, कब्ज, पेट फूलना और पेट में सूजन, ज़्यादा पेशाब आना और बार-बार प्यास लगना, डिप्रेशन और भ्रम का शिकार होना आदि भी इसके संकेत हो सकते हैं।

पाचन तंत्र में पोटेशियम के हानि की वजह से शरीर में पोटेशियम की कमी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

  • अत्यधिक उल्टी आना
  • दस्त
  • इलियोस्टोमी (आंत्र सर्जरी के दौरान पेट की दीवार में एक सर्जिकल छिद्र बनाना) के बाद
  • लैक्सेटिव (पेट साफ करने वाली दवा) का सेवन

किडनी की वजह से पोटेशियम के हानि होने से शरीर में पोटेशियम की कमी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

  • मूत्रवर्धक (Diuretics) दवाएं
  • शरीर में कॉर्टिकोस्टेरॉइड के स्तर का ज़्यादा होना
  • एल्डोस्टेरोन हार्मोन का उच्च स्तर, जो ज़्यादातर गुर्दे की आर्टरी स्टेनोसिस या अधिवृक्क (adrenal) ट्यूमर में दिखता हैं
  • रिनल ट्यूबलर एसिडोसिस
  • शरीर में मैग्नीशियम की कम मात्रा

पोटेशियम की कमी को कैसे ठीक करें?

पोटेशियम की कमी को खत्म करने के लिए सबसे पहले रक्त परीक्षण किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर आपको रेगुलर चिकित्सकीय परीक्षण करवाने या उच्च रक्तचाप या गुर्दे की बीमारी होने पर परीक्षण का आदेश दे सकता है। वहीं यदि जांच में आपके अंदर पोटेशियम की मात्रा कम पाई जाती है, तो आपका डॉक्टर आमतौर पर इसका कारण जानने के लिए आपको और अधिक परीक्षणों के लिए रेफर करेगा।

आपके शरीर में पोटेशियम की कमी के आधार पर, आपका डॉक्टर आपके साथ आवश्यक किसी अन्य उपचार पर भी चर्चा कर सकता है। वे समस्या की पुनरावृत्ति को रोकने के तरीकों पर भी चर्चा कर सकते हैं। यदि आपकी दवाएं पोटेशियम की कमी का कारण बन रही हैं, तो आपका डॉक्टर बदलाव का सुझाव दे सकता है, या आपको अधिक पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दे सकता है ।

पोटैशियम की कमी होने पर इन खाद्य पदार्थों का सेवन करें

पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नॉर्मल बनाए रखने में मदद करता है और पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक पहुंचाने में हेल्प करता है। हमारे शरीर को हेल्दी रखने के लिए रोजाना 4,700 मिलीग्राम पोटैशियम की जरूरत होती है। डाइट में पोटैशियम से भरपूर कुछ खनिजों को शामिल करके आप इस कमी को पूरा कर सकते हैं।

आइए देखते हैं पोटैशियम से भरपूर इन खाद्य पदार्थों को

प्रोडक्ट पोटेशियम की मात्रा(प्रति 100 ग्राम पर mg में)
केला 358
आलू 247
अनार 236
शकरकंद 337
पालक 558
चुकंदर 305
काला चना 718
मूंगफली 203
आम 168
सिंघाड़ा 584
राजमा 405
दूध 150
लहसुन 401
नट्स 632
पीनट बटर 649
आडू 122
मूंग दाल 1,246
सोयाबीन 1,797
किशमिस 749
दही 104
एवोकाडो 487
अंकुरित स्प्राउट्स 108
ग्रीन स्प्राउट्स 155
तरबूज 112
गेहूं 431

उच्च पोटेशियम क्या है?

आपका शरीर आवश्यक पोटैशियम का ही उपयोग करता है। आपकी किडनी आपके रक्त से अतिरिक्त पोटेशियम को हटा देती है। लेकिन जब आपकी किडनी में बीमारी हो जाती है, तो आपका गुर्दा अतिरिक्त पोटेशियम को सही तरीके से नहीं निकाल पाता है, और जिससे बहुत अधिक पोटेशियम आपके रक्त में बच जाता है।

वहीं जब आपके रक्त में बहुत अधिक पोटेशियम हो जाता है, तो इसे हाइपरकेलेमिया या उच्च पोटेशियम कहा जाता है। आपके रक्त में बहुत अधिक पोटेशियम होना खतरनाक हो सकता है। ध्यान रखें कि ज्यादा हाइपरकेलेमिया दिल का दौरा या मृत्यु का कारण भी बन सकता है! दुर्भाग्य से, बहुत से लोगों को हाइपरकेलेमिया के लक्षण तब तक महसूस नहीं होते जब तक उसके लिए देर नहीं हो जाती और उसके हृदय का स्वास्थ्य बद से बदतर नहीं हो गया होता है।

उच्च पोटेशियम का कारण

  • गुर्दे की बीमारी
  • निर्जलीकरण
  • कुछ दवाइयाँ
  • अनियंत्रित मधुमेह
  • चोटें जो गंभीर रक्तस्राव का कारण बनती हैं

कुछ दुर्लभ बीमारियाँ

  • उच्च पोटेशियम के लक्षण
  • थकान या कमज़ोरी महसूस होना
  • पेट में दर्द महसूस होना (मतली)
  • मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन
  • सांस लेने में परेशानी, असामान्य दिल की धड़कन, सीने में दर्द

उच्च पोटेशियम की जटिलताएँ क्या हैं?

आपके रक्त में बहुत अधिक पोटेशियम होना खतरनाक हो सकता है। पोटेशियम आपके हृदय की मांसपेशियों के काम करने के तरीके को प्रभावित करता है। जब आपके पास बहुत अधिक पोटेशियम होता है, तो आपका दिल अनियमित रूप से धड़क सकता है, जो सबसे खराब स्थिति में दिल के दौरे का कारण बन सकता है।

दिल के दौरे के कुछ सबसे आम लक्षण हैं:

आपकी छाती या बांहों में दबाव, दर्द या सिकुड़न महसूस होना

  • पेट दर्द या मतली
  • सांस लेने में कठिनाई
  • ठण्डे पसीने से तरबतर होना
  • अचानक चक्कर आना महसूस होना

पोटैशियम टेस्ट की जरूरत क्यों है?

बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स का लेवल देखने के लिए रुटीन ब्लड टेस्ट के दौरान पोटैशियम लेवल चेक किया जाता है। डायबीटिक पेशेंट को अपनी बॉडी में पोटैशियम लेवल की जांच कराते रहना जरूरी है। इसके कम या ज्यादा होने से किडनी, एड्रेनल ग्लैंड्स या डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर पड़ सकता है।

उच्च पोटेशियम होने पर कौन से खाद्य फल को खाना चाहिए

फूल गोभी, पत्ता गोभी, पास्टा, चावल, धुली हुई दालें, कुसकुस, ब्रेड, नूडल्स, पनीर और खीरा जैसे खाद्य पदार्थ खा सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

हालांकि, जिस तरह पोटेशियम शरीर के लिए लाभदायक है, उसी तरह इसकी अधिक मात्रा हानिकारक है। ज्यादा मात्रा से किडनी कमजोर और डैमेज हो सकती है।

DISCLAIMER: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा की राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

 

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...