दिल्ली में यमुना की सफाई अभियान को लेकर तेज़ी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। यमुना नदी की सफाई को लेकर एलजी वीके सक्सेना ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी वादे के तहत, यमुना को फिर से जिंदा करने के लिए सफाई अभियान को तेज़ी से लागू किया गया है। इसके लिए एलजी ऑफिस ने प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की और रविवार से बड़े पैमाने पर सफाई अभियान शुरू किया गया।
यमुना सफाई के लिए बनाई गई चार सूत्री योजना
यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए एक चार सूत्री योजना बनाई गई है, जिसके तहत कचरे, गाद और अन्य मलबे को हटाया जाएगा। इसके साथ ही नजफगढ़ नाले, पूरक नाले और अन्य प्रमुख नालों में सफाई अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा, यमुना में गिरने वाले गंदे पानी को साफ करने के लिए एसटीपी की क्षमता और उत्पादन पर निगरानी रखी जाएगी।
तीन साल में यमुना की सफाई का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी घोषणा के तहत यमुना को तीन साल में साफ करने का लक्ष्य रखा है। इस मिशन को सफल बनाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड, नगर निगम, सिंचाई विभाग, पर्यावरण विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय की आवश्यकता होगी।
साप्ताहिक निगरानी और औद्योगिक कचरे पर कड़ी नजर
साफ सफाई की निगरानी साप्ताहिक आधार पर की जाएगी, और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) औद्योगिक इकाइयों से अपशिष्ट के निर्वहन पर कड़ी निगरानी रखेगी।
यमुना की सफाई के लिए 5 चरणों में काम
कचरा और गाद हटाना: यमुना की मुख्य धारा से कचरा, गाद और अन्य प्रदूषकों को हटाने पर फोकस किया जाएगा।
नालों की सफाई: नजफगढ़ नाला, पूरक नाले और अन्य प्रमुख जल निकासी चैनलों को साफ किया जाएगा।
सीवेज उपचार संयंत्रों (STPs) की निगरानी: मौजूदा STPs के प्रदर्शन और आउटपुट का हर रोज मूल्यांकन किया जाएगा।
उपचार बुनियादी ढांचे का विस्तार: 400 मिलियन गैलन सीवेज उपचार की कमी को पूरा करने के लिए नए STPs और डीसेंट्रलाइज्ड एसटीपी का निर्माण किया जाएगा।
मल्टी एजेंसी मॉनीटरिंग: यमुना को साफ करने के लिए विभिन्न एजेंसियां जैसे दिल्ली जल बोर्ड (DJB), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC), दिल्ली नगर निगम (MCD), और अन्य एजेंसियां मिलकर काम करेंगी।
साथ ही, प्रदूषण नियंत्रण पर कड़ी निगरानी
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को औद्योगिक इकाइयों की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि अनुपचारित गंदगी नालों में न बह सके।
इस मिशन का लक्ष्य तीन साल में यमुना को पूरी तरह से साफ करना है, जो दिल्ली में जल प्रदूषण संकट को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।