दिल्ली में नई सरकार के गठन से पहले ही यमुना नदी की सफाई को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें दिल्ली के मुख्य सचिव सहित संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने तक यमुना प्रदूषण से जुड़ी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें।
यमुना सफाई को लेकर क्या है प्लान?
🔹 प्रदूषण के स्रोतों की जांच – यमुना में गिरने वाले नालों, गंदगी की मात्रा और प्रदूषण के कारणों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
🔹 समस्या की जड़ तक पहुंचने पर जोर – डेटा के आधार पर प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाएगी, जिसे प्रधानमंत्री मोदी खुद मॉनिटर करेंगे।
🔹 नालों की सफाई और पानी की मात्रा बढ़ाने पर फोकस – नदी की अविरलता बनाए रखने के लिए गंगा व अन्य स्रोतों से पानी लाने पर विचार किया जाएगा।
🔹 साबरमती रिवर फ्रंट मॉडल अपनाने की संभावना – यमुना के किनारों को सुंदर बनाने और पुनर्जीवित करने के लिए साबरमती रिवर फ्रंट अथॉरिटी की मदद ली जा सकती है।
यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए सरकार ने एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया है। सबसे पहले प्रदूषण के मूल स्रोतों की पहचान की जाएगी। इसके तहत यमुना में गिरने वाले नालों, उनमें बहने वाली गंदगी की मात्रा, और दिल्ली में यमुना के प्रदूषण से जुड़े अन्य कारकों का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। इस डेटा के आधार पर एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिससे नालों की सफाई और नदी की अविरलता को सुनिश्चित किया जा सके।
इसके अलावा, सरकार का ध्यान नदी में पानी की मात्रा बढ़ाने पर भी रहेगा। इसके लिए गंगा और अन्य नदियों से पानी लाने के विकल्पों पर विचार किया जाएगा। चूंकि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है, ऐसे में इस योजना के क्रियान्वयन में किसी बाधा की संभावना नहीं है।
साबरमती रिवर फ्रंट मॉडल अपनाने की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, सरकार यमुना के किनारों को सुंदर बनाने के लिए साबरमती रिवर फ्रंट मॉडल को अपनाने पर विचार कर रही है। इसके लिए साबरमती रिवर फ्रंट अथॉरिटी से मदद ली जा सकती है। नई सरकार की पूरी कोशिश होगी कि यमुना को स्वच्छ और अविरल बनाकर इसे दिल्ली के विकास मॉडल का हिस्सा बनाया जाए। इससे न केवल दिल्ली की जल गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
दिल्ली की सफाई को लेकर एमसीडी के साथ बैठक
बैठक में दिल्ली नगर निगम (MCD) की सफाई व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। इसमें निगमायुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। पीएमओ ने दिल्ली की स्वच्छता व्यवस्था में आ रही दिक्कतों की रिपोर्ट मांगी और सफाई में हो रही देरी के कारणों का विश्लेषण करने को कहा।
अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि
दिल्ली में साफ-सफाई को लेकर कर्मचारियों की कमी और अन्य अड़चनों की पहचान करें।
एमसीडी की अधूरी योजनाओं को जल्द पूरा करने का खाका तैयार करें।
कूड़ा प्रबंधन और सड़क सफाई की नई रणनीति तैयार की जाए।
भाजपा के वादे और नई सरकार की प्राथमिकता
भाजपा ने दिल्ली चुनाव के दौरान यमुना सफाई को अपनी प्रमुख गारंटी के रूप में पेश किया था। सरकार इस वादे को जल्द पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। नई सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट बैठक में यमुना सफाई से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी।
सरकार का लक्ष्य है कि, यमुना को पूरी तरह से स्वच्छ और निर्मल बनाया जाए। यमुना पर भव्य रिवर फ्रंट विकसित किया जाए। नालों से यमुना में गिरने वाली गंदगी को पूरी तरह रोका जाए। नदी में जल प्रवाह को बढ़ाने के लिए नए जल स्रोतों पर विचार किया जाए।