नई दिल्ली : कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच बेल्जियम से आई एक खबर ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। जिसे लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वायरस के खिलाफ लड़ाई पहले से ज्यादा मुश्किल हो सकती है। दरअसल यहां एक 90 वर्षीय महिला में एक ही समय में कोरोना के दो अलग-अलग वैरिएंट पाए गए हैं, जो विशेषज्ञों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
5 दिन में तोड़ा दम
कोरोना (Coronavirus) के दो अलग-अलग वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद बेल्जियम निवासी महिला की मौत मार्च 2021 में हो गई थी। शोधकर्ताओं के अनुसार, 90 साल की महिला एक ही समय में अल्फा और बीटा वैरिएंट से संक्रमित पाई गई थी। महिला ने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) नहीं लगवाई थी, जिसकी वजह से उसकी स्थिति सुधरने के बजाए बिगड़ती चली गई। उसे मार्च में ओएलवी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पांच दिनों में ही उसकी मौत हो गई।
अचानक बिगड़ी स्थिति
अस्पताल में महिला का कोरोना टेस्ट किया गया था, जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शुरुआत में महिला का ऑक्सीजन लेवल अच्छा था, लेकिन फिर उसकी तबीयत अचानक बिगड़ती गई और पांचवें दिन उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल ने जब यह जानने की कोशिश की कि महिला कोरोना के किस वैरिएंट से संक्रमित हुई थी तो उसमें कोरोना के अल्फा और बीटा दोनों वैरिएंट पाए गए। गौरतलब है कि अल्फा सबसे पहले ब्रिटेन में पाया गया था, जबकि बीटा वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिला था।
विशेषज्ञों ने जताई चिंता
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कोरोना के सह-संक्रमण के पहले मामलों में से एक है, जिसमें दो वैरिएंट एक ही शरीर में पाए गए हैं। ऐसे मामले चिंता का विषय हैं और इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। वहीं, बेल्जियम के आल्स्ट में ओएलवी अस्पताल के प्रमुख शोधकर्ता डॉ ऐनी वेंकेरबर्गेन ने कहा कि कोरोना के अल्फा और बीटा वैरिएंट पहले से ही बेल्जियम में थे। ऐसे में महिला दो अलग-अलग लोगों के जरिए वायरस से संक्रमित हो गई। हालांकि, यह पता नहीं चल सका कि वह कोरोना की चपेट में कैसे आई।