राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का दावा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, अटकलें हैं कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन पदभार संभाल सकती हैं। यह बयान जेएमएम विधायक सरफराज अहमद के निजी कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफे के बाद आया है।
बीजेपी सांसद ने किया हेमंत सोरेन के इस्तीफे का दावा। गांडेय से झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने स्पष्ट किया कि उनके इस्तीफे का उद्देश्य पार्टी, गठबंधन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मजबूत करना है। सूत्र बताते हैं कि हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा संभावित गिरफ्तारी को लेकर चिंतित हैं, जो वर्तमान में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रहा है।
निशिकांत दुबे का आरोप है कि नया साल सोरेन परिवार के लिए चुनौतियां लेकर आ सकता है, उन्होंने दावा किया कि कल्पना सोरेन अगली मुख्यमंत्री बन सकती हैं। उन्होंने झारखंड के राज्यपाल से कानूनी सलाह की मांग करते हुए सरफराज अहमद के इस्तीफे के समय पर जोर दिया, क्योंकि चुनाव एक साल के भीतर नहीं हो सकते हैं।
झारखंड के गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफ़ा दिया,इस्तीफ़ा स्वीकार हुआ । हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे,झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी । नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक @itssuniltiwari pic.twitter.com/jl06AtXurh
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024
हेमंत सोरेन की पत्नी संभालेंगी मुख्यमंत्री पद की कमान। दुबे ने रिक्त सीट के लिए उपचुनाव में एनडीए की जीत की उम्मीद जताते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि झामुमो हेमंत सोरेन की तुलना में शिबू सोरेन के साथ अधिक जुड़ा हुआ है। ईडी द्वारा हेमंत सोरेन को नया समन जारी करने से राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है, यह सातवीं बार है जब उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम मामले में तलब किया गया है।
राज्यपाल झारखंड @CPRGuv को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए,झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ । सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता । यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं शिबू सोरेन जी की है@SitaSorenMLA @BasantSorenMLA विधायक हैं,चम्पई…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र द्वारा राजनीतिक लक्ष्यीकरण का आरोप लगाते हुए, हेमंत सोरेन ने पहले ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। ईडी की जांच झारखंड में कथित “माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के एक बड़े रैकेट” के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें 14 गिरफ्तारियां हुईं।