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बंगाल में पंचायत चुनाव में व्यापक हिंसा, कई लोगों की मौत, राजनीतिक दल एक दूसरे पर लगा रहे आरोप

पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में व्यापक हिंसा की खबर है। बंगाल के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर मतदान जारी है। जिसमें मतदाता लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। 11 जुलाई को परिणाम घोषित होंगे। मतदान की शुरुआत से ही अलग-अलग जिलों से भारी हिंसा और बूथ लूटने जैसी खबरें लगातार सामने आ रही थी। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर चुनाव के लिए 822 कंपनी केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद मतदान शुरू होने से पहले बीती रात से लेकर हिंसा में दर्जनों लोगों की मौत की खबर है।

By: RNI Hindi Desk 
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बंगाल में पंचायत चुनाव में व्यापक हिंसा, कई लोगों की मौत, राजनीतिक दल एक दूसरे पर लगा रहे आरोप

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में व्यापक हिंसा की खबर है। बंगाल के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर मतदान जारी है। जिसमें मतदाता लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। 11 जुलाई को परिणाम घोषित होंगे। मतदान की शुरुआत से ही अलग-अलग जिलों से भारी हिंसा और बूथ लूटने जैसी खबरें लगातार सामने आ रही थी। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर चुनाव के लिए 822 कंपनी केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद मतदान शुरू होने से पहले बीती रात से लेकर हिंसा में दर्जनों लोगों की मौत की खबर है। जबकि कई लोग गोलीबारी से घायल हुए हैं।

चुनावी हिंसा में दर्जनों लोगों की मौत

हिंसा में मारे गए लोगों में टीएमसी के छह सदस्य, भाजपा, सीपीआई (एम) और कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थक शामिल हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कूचबिहार में पोलिंग एजेंट माधब विश्वास की फलीमारी गांव में टीएमसी बदमाशों ने बेरहमी से हत्या कर दी। बंगाल में शांतिपूर्ण मतदान का सपना टूट गया। वहीं बेलडांगा में कांग्रेस के साथ झड़प में टीएमसी कार्यकर्ता बाबर अली की मौत हो गई है। गोली लगने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता अस्पताल में भर्ती है। मुर्शिदाबाद के खारग्राम में 52 साल के टीएमसी कार्यकर्ता सतेशुद्दीन शेख की हत्या कर दी गई है। उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल लाया गया है। वहीं, खारग्राम में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता फूलचंद की हत्या कर दी गई थी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कल यहां उनके परिवार से मुलाकात की। टीएमसी ने आरोप लगाया कि रेजीनगर, तूफानगंज और खारग्राम में हमारी पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है और डोमकोल में दो लोग गोली लगने से घायल हो गए हैं।

हिंसक झड़पों के बीच मतपेटियां की गई नष्ट

पिछले पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा का केंद्र रहे मुर्शिदाबाद व कूचबिहार जिले में फिर से बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है। हुगली में एक मतदान केंद्र पर टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई के बाद दो मतपेटियां तालाब में फेंक दीं गई। हिंसक झड़पों के बीच राज्य के कई हिस्सों में मतपेटियां नष्ट कर दी गईं। इस दौरान दिनहाटा के इंद्रेश्वर प्राथमिक विद्यालय में मतपेटी में पानी फेंक दिया गया, जिससे बाद मतदान स्थगित कर दिया गया। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में राज्य चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

अमित मालवीय ने टीएमसी पर लगाया आरोप

बीजेपी आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि उत्तर 24 परगना के बैरकपुर में टीएमसी के गुंडों ने खुलेआम बंदूक लहराई और एक स्वतंत्र उम्मीदवार को धमकी दी। सुबह से लेकर अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। इस रक्तपात के लिए राज्य चुनाव आयोग और ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। उन्होंने सीएपीएफ को तैनात नहीं किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों को पूरी तरह से गुमराह किया है। जिन मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की जरूरत थी, वहां उन्हें नहीं भेजा गया, बल्कि उन बूथों पर लगाया गया, जहां अशांति व गड़बड़ी की आशंका नहीं थी। पंचायत चुनाव के नाम पर मजाक किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने ममता सरकार को लिया आड़े हाथ

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर ममता सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सरकार की पूरी व्यवस्था असंवैधानिक कामों में लग चुकी है। ममता सरकार न तो राज्यपाल के आदेश का सम्मान करती है और न ही हाई कोर्ट के आदेश का पालन करती है। जब स्थानीय पुलिस और प्रशासन खुद ही पक्षपाती हो जाए और राजनीतिक दृष्टि से काम करे तो इसे संवैधानिक व्यवस्था नहीं कहा जाता है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है मगर वहां की सरकार जनाधार खो चुकी है और इसी डर में वो हिंसक प्रवृत्ति अपना रहे हैं।

राज्यपाल ने किया विभिन्न इलाकों का दौरा

इस बीच बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उत्तर 24 परगना जिले के विभिन्न इलाकों का दौरा किया और हिंसा में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और मतदाताओं से बातचीत की। राज्यपाल ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए सबसे पवित्र दिन है। चुनाव गोलियों से नहीं बल्कि मतपत्रों से होना चाहिए।

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