{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से }
कई मुश्किलें ऐसी होती है जिनका हल पुरे देश के सहयोग के बिना नहीं हो सकता है। लेकिन जब पुरे देश में एक ही सरकार हो तो उम्मीद बढ़ जाती है कि सदियों से लंबित पड़े कामों को किया जाए, इस देश की सरकार ने बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद सुलझा दिया जो की एक बहुत अच्छी बात है लेकिन उसके बाद भी गाय की तस्करी दोनों देश की सीमाओं पर लगातार जाती है।
सीमा सुरक्षा बलों के होते हुए भी ऐसा होना ठीक बात नहीं है, इन सब मामलों में कई विचित्र चीज़ें सामने आती है, कई बार गाय लेकर ले जाने वाले को पीट पीट कर मार दिया जाता है और भीड़ अपने हाथ में कानून को ले लेती है। इन सब घटनाओं के कारण कई निर्दोष लोगों की जान चली जाती है और कानून भी बदनाम होता है।
अब सोचने वाली बात यह है कि गौ रक्षा ऐसा कोई इतना बड़ा भी काम नहीं है की सरकार गौ रक्षा नहीं कर पाए, ऐसा लगता है की सरकार को कुछ ऐसी अड़चने दिख रही है जिसके कारण उन्हें यह लगता हो की कानून बना तो ठीक नहीं होगा। लेकिन जो कार्य देश हित में है उसको करने से हिचकिचाना नहीं चाहिए और सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए।
कई बार टीवी चैनल्स की डिबेट में भी यह बात उठी है कि गाय को अब राष्ट्रीय पशु घोषित करने का समय आ गया है लेकिन उसके बाद भी कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हो रही है और गंगा में आ रही गन्दगी के कारण बड़े पैमाने पर नदी किनारे रहने वाली गाय बीमार हो रही है। वही चमड़े का धंधा बढ़ रहा है जिसके कारण उन्हें मारा जाता है। सरकार का काम है कि जनहित के कार्य समय रहते कर दिए जाए तो ठीक रहेगा।
सरकार को एक ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे की गाय प्रबंधन का उचित इंतज़ाम हो सके, गौशालाओं की उचित देखभाल की जाए, उसके लिए कमेटी बनायी जाए, आवारा पशुओं के द्वारा बर्बाद हो रही खेती को रोका जाए और उनकी देखभाल की जाए, एक कानून बनाया जाए जिसमे गाय को संरक्षित करने का विधान हो।