जनवरी 2025 में भारत की थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर घटकर 2.31% पर आ गई, जो दिसंबर 2024 में 2.37% थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में आई कमी की वजह से दर्ज की गई है।
खाने-पीने की चीजें हुईं सस्ती
जनवरी में प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में 2.01% की गिरावट आई, जबकि खाद्य पदार्थों के दाम 3.62% तक कम हुए। सब्जियों की महंगाई दर में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जो दिसंबर में 28.65% थी, वह जनवरी में घटकर 8.35% रह गई।
ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर में भी सुधार देखा गया। दिसंबर में यह दर -3.79% थी, जो जनवरी में बढ़कर -2.78% हो गई। इससे पेट्रोलियम और बिजली से जुड़े उत्पादों की कीमतों पर नियंत्रण रखने में मदद मिली है।
कुछ वस्तुओं के दाम बढ़े
हालांकि, कुछ उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है। इनमें मुख्य रूप से-
अनाज की महंगाई दर 6.82% से बढ़कर 7.33% हो गई।
दालों की महंगाई दर दिसंबर के 5.02% से बढ़कर 5.08% हो गई।
दूध की महंगाई दर भी बढ़ी और यह 2.26% से बढ़कर 2.69% हो गई।
थोक महंगाई दर घटने से आम आदमी को क्या फायदा?
थोक महंगाई दर घटने से रिटेल बाजार में भी कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है। इससे रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें जैसे सब्जियां, अनाज, तेल और अन्य खाद्य उत्पाद सस्ते हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो आने वाले महीनों में महंगाई पर और नियंत्रण पाया जा सकता है, जिससे आम लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी।
जनवरी 2025 में थोक महंगाई दर में आई गिरावट आम जनता के लिए राहत की खबर है। खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट से घरेलू बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि, दूध, अनाज और दालों की कीमतों में बढ़ोतरी चिंता का विषय हो सकती है। सरकार के अनुसार, आने वाले महीनों में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे, जिससे आम लोगों को और राहत मिल सके।