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कौन है बृजेश सिंह जिससे डर रही है अंसारी की पत्नी अफशां, जानिए दुश्मनी की कहानी

By: RNI Hindi Desk 
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कौन है बृजेश सिंह जिससे डर रही है अंसारी की पत्नी अफशां, जानिए दुश्मनी की कहानी

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

लखनऊ: पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी को पंजाब पुलिस ने यूपी पुलिस को मंगलवार को सौंप दिया है। यूपी पुलिस मुख्तार को लेकर बांदा के लिए रवाना हो चुकी है। खास बात यह हैं, निकले के अंतिम छड़ों में उसके निकलने का गेट बदला गया। मुख्तार को जेल की गेट नंबर 2 से यूपी पुलिस लेकर रवाना हुई है। पुलिस की मानें तो अंसारी को वाया बनूड यूपी लाया जायेगा।

एक तरफ यूपी पुलिस अंसारी को लेकर रवाना हो चुकी है, तो वहीं दूसरी तरफ अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंची थी। अफशां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि कहीं मेरे पति का भी हाल भी विकास दुबे जैसा न हो जाय। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आफशां ने अपनी याचिका में कहा- माफिया डॉन बृजेश सिंह बेहद प्रभावशाली है। वह मुख्तार अंसारी को मारने की साजिश रच रहा है।

हम आपको बताते हैं कि कौन हैं बृजेश सिंह…

बात शुरु होती है साल 1996 से मुख्तार अंसारी ने पहली बार विधान सभा चुनाव लड़ा और पहलील बार में ही वह विधायक बन गया। मुख्तार अंसारी विधायक बनने के बाद बृजेश सिंह की सत्ता को हिलाना शुरू कर दिया था। जो आज तक चली आ रही है।


आपको बता दें कि वाराणसी के धरहरा गांव के रहने वाले बृजेश सिंह का नाम साल 1984 में पहली बार हत्या से जुड़ा। उनके पिता की हत्या कर दी गई। पिता की हत्या का बदला लेने के लिए बृजेश सिंह ने हथियार उठा लिया और उसने अपने पिता के कथित हत्यारे को मौत के घाट उतार दिया।

पिता की हत्या का बदला लेने के बाद बृजेश सिंह फरार हो गया। इसके बाद वह उनलोगों की तलाश करने लगा जो उसकी पिता की हत्या में शामिल थे। साल 1986 में बनारस के सिकरौरा गांव में उसने एक साथ पांच लोगों को गोलियों से भून डाला। घटना के बाद बृजेश को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस दौरान जेल में रहने के साथ ही बृजेश की पहचान कई और अपराधियों से हुई, तो उसके अपराध का धंधा फलने- फूलने लगा। साल 1996 में बृजेश के निशाने पर मुख्तार अंसारी आ गया। दोनों में एक दूसरे को दबाने की जंग छिड़ गई। पूर्वांचल में दोनों के गुटों में कई बार गैंगवार हुआ। जिससे जुड़ी कई घटनाएं भी सामने आई।

दोनो गुटों में टकराव होते-होते वक्त आ गया साल 2000 का, कई सालों तक फरार रहे बृजेश सिंह पर यूपी पुलिस ने 5 लाख रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया था। इसके तीन साल बाद साल 2003 में कोयला माफिया सूर्यदेव सिंह के बेटे राजीव रंजन सिंह के अपहरण और हत्याकांड में मास्टरमाइंड के तौर पर बृजेश का नाम आया।

बृजेश का नाम गैंगस्टर और डॉन के तौर पर उस वक्त स्थापित हुआ जब जेजे अस्पताल शूटआउट में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। लेकिन सबूतों के अभाव में वह बच निकला। साल 2008 में बृजेश सिंह को उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया था। तब से वो जेल में ही बंद है। ऐसे मुख्तार की पत्नी अफशां की ये दावें कितना साबित हो सकता है।

 

 

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