पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के बजट विवरण को प्रस्तुत करेंगी और शुक्रवार को विधान सभा में मतदान करेंगी। तृणमूल कांग्रेस सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह अंतिम बजट प्रस्तुति होगी। पश्चिम बंगाल में यह पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री के हाथों बजट पेश किया जाएगा।
यह आमतौर पर वित्त मंत्री होता है जो बजट विवरण पढ़ता है। लेकिन इस साल राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा स्वास्थ्य मुद्दों के कारण विधानसभा में शामिल नहीं होंगे।वित्त मंत्री ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर बता दिया है कि वह इस साल बजट पेश करने में असमर्थ हैं। तृणमूल कांग्रेस सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह अंतिम बजट प्रस्तुति होगी।
यह आमतौर पर वित्त मंत्री होता है जो बजट विवरण पढ़ता है। लेकिन इस साल राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा स्वास्थ्य मुद्दों के कारण विधानसभा में शामिल नहीं होंगे। वित्त मंत्री को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने भी राज्यपाल को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दे दी है। इस बीच कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने शुक्रवार को विरोध के निशान के रूप में सत्र का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा, ‘सत्ता पक्ष विपक्ष को रोकने की कोशिश कर रहा है। हमें बोलने की अनुमति नहीं है, हमारे सवालों का ठीक से जवाब नहीं दिया जा रहा है और हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई है।”
प्रशासनिक व्यय के लिए अनुमोदन प्राप्त करने के लिए वोट ऑन अकाउंट किया जाता है। यद्यपि बजट पूरे वर्ष के लिए एक योजना की घोषणा करता है, इस साल विधानसभा चुनावों के कारण, व्यय की मंजूरी खाते में वोट के रूप में अगले तीन महीनों में मांगी जाएगी।
ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले ममता सरकार का यह आखिरी बजट है। आखिरी बजट होने के कारण ऐसा माना जा रहा है कि ममता बनर्जी के पिटारे में राज्य के लोगों के लिए कई बड़ी घोषणाएं हो सकती है। आप को बता दें कि इस साल पश्चिम बंगाल में मार्च – अप्रैल में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। जिसको लेकर वह की राजनीति गर्माती जा रही है। सभी राजनीतिक पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है।