कानपुर : उत्तर भारत विशेष रूप से कानपुर के प्रदूषण के स्तर को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान तकनीक यानी एयर सैंपलिंग डिवाइस हवा के विभिन्न मापदंडों के आकलन के लिए नमूने एकत्र कर सकती है, जिसमें हवा की मौजूदगी, परिवेशी वायु में विभिन्न माइक्रोबियल कालोनियों के मात्रात्मक अनुमान प्रदान करने के साथ परिवेशी वायु की गुणवत्ता की निगरानी और नमूनाकरण और हवा में मौजूद मात्रात्मक मूल्यांकन शामिल हैं।
उपरोक्त उपकरण कुशल वायु नमूने के लिए एक कम लागत वाली तकनीक है, पारंपरिक वास्तविक समय के ऑप्टिकल उपकरणों की तुलना में डिवाइस में एक सरल डिजाइन है। यह तकनीक आईआईटी कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर तरुण गुप्ता और उनके पीएचडी छात्र डॉ० अमित सिंह चौहान के द्वारा विकसित की गई है। उपरोक्त आविष्कार को एक भारतीय पेटेंट आवेदन संख्या- 1474 / DEL / 2014 के माध्यम से भी संरक्षित किया गया है।
बतादें की समझौते के आदान-प्रदान समारोह के दौरान, IIT कानपुर के निदेशक प्रो अभय करंदीकर ने धीरेंद्र सिंह, AIRSHED कंपनी के निदेशक का स्वागत किया। प्रो० करंदीकर ने कहा कि स्वदेशी तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए संस्थान में ऐसी तकनीकों का विकास किया जा रहा है।
स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और MSME क्षेत्र को समर्थन देने के लिए, आईआईटी कानपुर में विकसित एक आविष्कार “एयर सैंपलिंग डिवाइस” को एयरशेड प्लानिंग प्रोफेशनल्स प्राइवेट लिमिटेड को विनिर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंस दिया गया है।
अभी तक बाजार में उपलब्ध पीएम माप के पारंपरिक मापदंडों में जैव-एरोसोल की माप करने की छमता नहीं है। लेकिन इस डिवाइस की खूबी है कि, ये बायो-एयरोसोल और पार्टिकुलेट मैटर के नमूने को एकत्रित करने के लिए दो अलग-अलग सैंपलिंग उपकरणों की आवश्यकता को समाप्त करता है।