नई दिल्ली : मिग-29 के फाइटर पायलट एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने आरकेएस भदौरिया का स्थान ले लिया है। वे देश के 27वें वायुसेना अध्यक्ष बनेंगे। आपको बता दें कि आरकेएस भदौरिया आज सेवानिवृत्त हो गए हैं। बता दें कि वीआर चौधरी 1982 में वायुसेना में शामिल हुए थे और फाइटर-स्ट्रीम से ताल्लुक रखते हैं। वे मिग-29 फाइटर जेट के पायलट रह चुके हैं और पिछले 39 साल के करियर में कई कमान और स्टाफ नियुक्तियां कर चुके हैं। वे फिलहाल सह-वायुसेना प्रमुख (वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ) के तौर पर तैनात थे।
इससे पहले वीआर चौधरी एयरफोर्स एकेडमी में इंस्ट्रक्टर के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पिछले साल पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर जब चीन के साथ विवाद हुआ था, तब वे वायुसेना की पश्चिमी कमान के कमांडिंग इन चीफ थे। उनकी निगरानी में ही वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में अपने ऑपरेशन्स किए थे। गुरुवार को वायुसेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद एयर चीफ मार्शल, वीआर चौधरी ने सभी वायु-यौद्धाओं के नाम संदेश में साफ तौर पर कहा कि, “हमारे राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की सुरक्षा किसी भी कीमत पर सुनिश्चित की जानी है।”
उन्होंने कहा कि मौजूदा एयर-एसैट्स के साथ नए शामिल किए गए एयर प्लेटफॉर्म, हथियारों और उपकरणों के एकीकरण के माध्यम से ऑपरेशन क्षमता में वृद्धि और संचालन की अवधारणाओं में समान होना एक प्राथमिकता क्षेत्र रहेगा। बता दें कि वीआर चौधरी अपने बेबाक बयान के लिए जाने जाते रहे हैं। हाल ही में एक वेबिनार मे बोलते हुए उन्होनें साफ तौर से कहा था कि इसरो की सैटेलाइट वायुसेना की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही हैं।
वीआर चौधरी के मुताबिक भारत में पूरा स्पेस इको-सिस्टम ‘सिविल’ प्रणाली का है। इसमें मिलिट्री-भागीदारी की कमी है। ऐसे में देश में सशस्त्र सेनाओं के लिए नेक्सट-जेनरेशन स्पेस टेक्नोलॉजी का अभाव है। बता दें कि पीएम मोदी लगातार सशस्त्र सेनाओं को हाई-ब्रीड (साइबर और स्पेस इत्यादि) वॉरफेयर के लिए तैयार रहने का आह्वान कर रहे हैं। ऐसे में वीआर चौधरी की नियुक्ति काफी अहम मानी जा रही है।