रिपोर्ट: सत्यम दुबे
उज्जैन: कोरोना महामारी के दूसरे लहर का कहर लगातार जारी है। कोरोना से संक्रमित मरीज ऑक्सीजन और दवाईयों की कमीं से लगातार दम तोड़ रहें हैं। महामारी के दूसरे लहर ने कई हंसते-खेलते परिवारों को तबाह कर दिया है। केंद्र सरकार से लेकर सभी राज्य सरकारें लोगों जल्द से जल्द वैक्सीन लगवानें का प्रयास कर रहीं हैं। इसके साथ लोग कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों में काफी उत्साह दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर गांवों में वैक्सीन को लेकर जागरुकता की कमीं देखने के मिल रही है। मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आपके होश उड़ जायेंगे।
आपको बता दें कि सोमवार को कोरोना वैक्सीन लगाने पहुंची टीम पर गांव वालों ने हमला कर दिया। गांव वाले टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं थे। टीम ने जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो करीब 50 लोगों के झुंड ने उन्हें घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी। इस हमले में पंचायत सहायक सचिव का पति गंभीर रूप से घायल हो गया। मामला उज्जैन से करीब 30 किमी दूर उन्हेल के पास मालीखेड़ी गांव का है. टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची थी।
इसके बाद यहां पारदी मोहल्ले में कुछ लोगों ने टीका लगवाने से मना कर दिया। उन्हें समझाने के लिए तहसीलदार अनु जैन भी पहुंचीं। सहायक सचिव का पति शकील कुरैशी भी तहसीलदार के साथ ही था। अनु जैन अभी ग्रामीणों को समझा ही रही थीं कि अचानक 50 से अधिक लोगों ने टीम को घेर लिया और हमला कर दिया। तहसीलदार और स्टाफ ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन सहायक सचिव के पति शकील कुरैशी इस हमले में घायल हो गए।
आपको बता दें कि माली खेड़ी में सोमवार सुबह 10 बजे करीब स्वास्थ विभाग के अमले के संग तहसीलदार, ANM, पटवारी और अन्य अधिकारी कोरोना टीकाकरण के लिए गए थे। गांव वाले कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार ही नहीं थे। ड्राइवर और स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि ये पारदी समाज के लोग थे। वैक्सीन को लेकर इनके मन में गलतफहमी है।
टीम उन्हें समझा रही थी। इसी बीच लाठी और तलवार से लैस करीब 50 लोगों की भीड़ वहां पहुंची और मारपीट शुरू कर दी। बड़ी मुश्किल से ड्राइवर की सूझ बूझ से जान बचा कर टीम सुरक्षित स्थान पर पहुंची, लेकिन तब तक शकील हमले का शिकार हो गए। मौके पर पहुंची आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है।