भारतीय रेलवे ने कश्मीर घाटी में एक नई उपलब्धि दर्ज की है। आज, श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस ट्रेन का मार्ग अंजी खाद ब्रिज और चेनाब ब्रिज से होकर गुजरता है, जो भारत के पहले केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज और दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है।
#WATCH | Jammu and Kashmir: Visuals of Vande Bharat train crossing the world's highest railway bridge Chenab Rail Bridge
Indian Railways today started the trial run of the first Vande Bharat train from Shri Mata Vaishno Devi Railway Station Katra to Srinagar. The train will also… pic.twitter.com/6IgVfxCgYk
— ANI (@ANI) January 25, 2025
कश्मीर के ठंडे मौसम के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई वंदे भारत एक्सप्रेस
कश्मीर घाटी के कड़क सर्द मौसम को ध्यान में रखते हुए, वंदे भारत एक्सप्रेस को खासतौर पर डिज़ाइन किया गया है। यह ट्रेन माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में भी आराम से चलने में सक्षम है। ट्रेन के भीतर एक विशेष हीटिंग सिस्टम है, जो यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए काम करेगा। इसके अलावा, ट्रेन में गर्म पानी की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी, जिसके लिए पाइपों पर विशेष कोटिंग की गई है ताकि पानी न जम सके।
ट्रेन के भीतर आराम और सुरक्षा की सुविधाएं
वंदे भारत एक्सप्रेस में बड़े आकार के शीशे लगे हुए हैं, जिससे यात्रियों को प्राकृतिक नजारों का भरपूर आनंद लेने का मौका मिलेगा। इन शीशों को पूरी तरह से फुल प्रूफ बनाया गया है, ताकि अगर कोई पत्थर भी इन पर लगे, तो यह शीशे सुरक्षित रहें और किसी प्रकार का नुकसान न हो।
रेल मंत्री का बयान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 23 जनवरी को बताया कि कई देशों ने भारत से सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के आयात में रुचि दिखाई है। उन्होंने इसे ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता की एक महत्वपूर्ण मिसाल बताया।
रिकॉर्ड और भविष्य की योजनाएं
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, वंदे भारत ट्रेनों में लगभग 31.84 लाख बुकिंग की गई थी। इस दौरान इन ट्रेनों की अधिभोग दर 96.62 प्रतिशत रही, जो इस ट्रेन की लोकप्रियता का प्रमाण है। अब, कश्मीर क्षेत्र में वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत से यह क्षेत्र भी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन सेवा का हिस्सा बन जाएगा।
इस ट्रायल के सफल संचालन से यह साबित हो गया है कि वंदे भारत एक्सप्रेस न केवल उच्च गति की ट्रेनों की एक नई दिशा दिखा रही है, बल्कि इसे भारत के ठंडे और कठिन मौसम में भी सफलता मिल रही है।