उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के तहत पिछड़े हुए जिलों की विशेष निगरानी की जा रही है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के निर्देशों पर जिलाधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे हर सप्ताह मिशन के प्रगति कार्यों की रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजें। जल जीवन मिशन के अंतर्गत कुछ जिलों ने सराहनीय कार्य किया है, जबकि कुछ जिलों में कार्य संतोषजनक नहीं है, जिसे लेकर मुख्य सचिव ने नाराजगी भी जताई है।
प्रदेश में हर घर जल प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पर भी जोर दिया जा रहा है। वर्तमान में करीब 10,000 गांवों में नल की सुविधा पूरी हो चुकी है, लेकिन उनमें से 6,000 जिलों का ही पूर्ण पेयजल आपूर्ति का प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है।
जल जीवन मिशन के कार्यों में बजट और वन विभाग की अनुमति जैसे मुद्दे भी चुनौतियाँ बन रहे हैं। इन मुद्दों को सुलझाने के लिए विशेष सूची तैयार की जा रही है ताकि आवश्यक निर्णय लिए जा सकें। पेयजल निगम और जल संस्थान से भी प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है।