रिपोर्ट: सत्यम दुबे
देहरादून: उत्तराखंड में आगामीं विधानसभा चुनाव को देखते हुए कई चौकाने वाले फैसले हो रहे हैं। बुधवार को विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने चुनाव प्रभारी की घोषणा की, तो कुछ ही समय बाद सूबे की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा के दिया। बतौर राज्यपाल वो तीन साल तक पद पर रहीं।
आपको बता दें कि बेबी रानी मौर्य आगरा की मेयर रह चुकी हैं। उत्तराखंड के राज्यपाल के तौर पर बेबी रानी मौर्य बीते 26 अगस्त को अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं। इस अवधि में वह राज्य में महिलाओं के हितों को लेकर खासी मुखर रही हैं। महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए उन्हें सस्ते ऋण दिलाने के लिए भी उन्होंने प्रयास किए।
इसके साथ ही कोरोना महामारी के भीषण दौर में भी राज्य के दूरदराज क्षेत्रों में आम जन तक राहत सामग्री व आक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजनीतिक करियर को देखें तो भाजपा की वरिष्ठ नेता के तौर पर देखा जाता है। बेबी रानी मौर्य राज्य बाल आयोग की सदस्य रह चुकी हैं। पूर्व में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं। बेबी रानी मौर्य ने एत्मादपुर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। लेकिन इस चुनाव में वे हार गई थीं।
बेबी रानी मौर्य के पारिवारिक जीवन को देखें तो इनका मायका बेलनगंज और ससुराल करिअप्पा रोड बालूगंज में है। उनके पति प्रदीप कुमार पंजाब नेशनल बैंक में डायरेक्टर एवं सीनियर मैनेजर पद से सेवानिवृत्त हैं। एमए बीएड बेबी रानी मौर्य 1995 में भाजपा में शामिल हुई थीं।
आपको बता दें कि 1995 में ही भाजपा के टिकट पर आगरा की मेयर बनी थीं। वह 1997 में भाजपा के राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष थीं। उस समय रामनाथ कोविंद जो इस वक्त राष्ट्रपति हैं, मोर्चा के अध्यक्ष थे। साल 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं। बेबी रानी मौर्य के पुत्र अभिनव मौर्य इंजीनियर हैं और अमेरिका में ही रहते हैं। उनकी बेटी अंजू मौर्य भी अमेरिका में ही रहती हैं। अंजू के पति अजय भी अमेरिका में इंजीनियर हैं।
बेबी रानी मौर्य के इस्तीफा से कयास लगाया जा रहा है कि आगामीं उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।