नई दिल्ली : कोविड महामारी की मार झेल रही जनता को उत्तराखंड सरकार ने एक और बड़ा झटका दिया है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका लगा है। आपको बता दें कि विद्युत नियामक आयोग की तरफ से वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 3.54 फीसदी बिजली के दामों में बढ़ोतरी की गई है। ऊर्जा विभाग की तरफ से 16 फ़ीसदी बिजली के दामों को बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया था। जिस पर विद्युत नियामक आयोग ने 3.54 फ़ीसदी बिजली के दामों को बढ़ोतरी में को मंजूरी दी है। बढ़ा हुआ बिजली टैरिफ एक अप्रैल से लागू होगा।
इस टैरिफ में जहां एक तरफ कम बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को राहत दी है, तो वहीं, मध्यम वर्ग के बिजली कंज्यूमर को झटका दिया गया है। दरअसल, नियामक आयोग ने 100 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं पर कोई भी दर नहीं बढ़ाई तो वहीं, 100 से 200 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर 25 पैसे प्रति यूनिट चार्ज बढ़ाया।
साथ ही 201 से 400 यूनिट खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर 35 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की है और 400 यूनिट से ऊपर प्रति महीने खर्च करने वाले उपभोक्ता पर 30 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, कॉमर्शियल कंज्यूमर पर भी बिजली की मार पड़ी है। मात्र 50 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली खर्च करने वाले कमर्शियल कंज्यूमर को राहत दी गई है, लेकिन इससे ऊपर बिजली खर्च करने वाले कमर्शियल कंज्यूमर पर अलग अलग स्लैब में 10 से 30 पैसा प्रति यूनिट बिजली के दामों में बढ़ोतरी हुई है।
किसानों पर भी बिजली की मार
इस बिजली बिल की मार किसानों पर भी पड़ी है। किसानों पर भी प्रति यूनिट बिजली के दाम बढ़े हैं। वहीं, पहली बार नियामक आयोग ने बिजली बिल बनने से 10 दिनों के अंदर डिजिटल पेमेंट से बिजली का भुगतान जमा करने वाले बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल में 1.25 फ़ीसदी की छूट दी है। जिस प्रकार इस बढ़ती महामारी और कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड सरकार द्वारा बिजली बिल की बढ़ोतरी की गई, उससे राज्य की जनता को कोरोना के साथ ही बिजली की मार भी झेलने को विवश होना पड़ेगा।