उत्तराखंड के केदारनाथ धाम को एक नए रूप और रंग में ढालने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 28 जनवरी 2025 को उत्तराखंड दौरे के दौरान इस परियोजना का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य केदार घाटी और रुद्रप्रयाग जिले को एक आध्यात्मिक और विकासात्मक दृष्टिकोण से नया रूप देना है।
केदार घाटी और रुद्रप्रयाग जिले को आध्यात्मिक रूप में संवारेगी सरकार
मुख्यमंत्री धामी ने केदार घाटी और रुद्रप्रयाग जिले को आध्यात्मिक और पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए स्प्रिचुअल जोन के रूप में राज्य को बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुसार है, जो पहले से ही केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के पुनर्निर्माण और आध्यात्मिक स्थलों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार गौरीकुंड, त्रियुगीनारायण, सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, ऊखीमठ समेत केदारनाथ यात्रा के प्रमुख पड़ावों को व्यवस्थित ढंग से विकसित करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं और कनेक्टिविटी को भी बेहतर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री के सामने पेश की जाएगी योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड दौरे के दौरान इस महत्वाकांक्षी योजना को 28 जनवरी को प्रस्तुत किया जाएगा। राज्य सरकार ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार के आगामी बजट से इस योजना को मंजूरी और वित्तीय सहायता मिल सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार से सकारात्मक संकेत मिल चुके हैं, और उम्मीद है कि इसे आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में एक नया आयाम मिलेगा।
उत्तराखंड को स्प्रिचुअल जोन के रूप में विकसित करने की पहल
उत्तराखंड को आध्यात्मिक जोन के रूप में विकसित करने की योजना प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की थी। अब राज्य सरकार हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कारीडोर, ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग केंद्र और योग नगरी के रूप में विकसित करने पर काम कर रही है। इसके अलावा, चंपावत जिले में शारदा नदी कारीडोर और नैनीताल में बाबा नीब करौरी मंदिर क्षेत्र को भी विकास की योजना में शामिल किया गया है।
रुद्रप्रयाग को आदर्श जिला बनाने की योजना
मुख्यमंत्री धामी की योजना के तहत रुद्रप्रयाग जिले को आदर्श जिला के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए केदार घाटी को आध्यात्मिक स्थली के रूप में और अन्य प्रमुख स्थलों को नियोजित ढंग से विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक भी की है, और अब कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
उत्तराखंड की केदार घाटी और रुद्रप्रयाग जिले को आध्यात्मिक और विकासात्मक दृष्टिकोण से एक नया रूप देने के लिए मुख्यमंत्री धामी की योजना अहम साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे और आगामी बजट से इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए उम्मीदें जताई जा रही हैं, जिससे राज्य के धार्मिक पर्यटन और विकास में एक नया अध्याय जुड़ सकता है।