भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के आवास को मूल रूप में संरक्षित करने, आर्थिक तंगी से जूझते उनके परिजनों के लिए माकूल हालात बनाने और आवास को शहनाई मंदिर के रूप में विकसित करने के मुद्दे पर आम लोगों की राय जानने के लिए काशी के कलाकार डिजिटल अभियान छेड़ेंगे। संगीत के विभिन्न पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले कलाकार अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से संगीत प्रेमियों से उनका पक्ष पूछेंगे।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के प्रति देश-दुनिया के संगीत प्रेमियों की भावना जानने के लिए डिजिटल अभियान छेड़ने वालों में सरोद वादक पं. विकास महाराज, कथक नृत्यांगना डॉ. विधि नागर, गायिका डॉ. मधुमिता भट्टाचार्य, देवी गीत गायक अजय अजनबी और बिरहा गायक डॉ. मन्नू यादव, सितार वादक देवव्रत मिश्र, तबला वादक अमित शंकर त्रिवेदी, गायक गणेश प्रसाद मिश्र, रंगकर्मी अनूप अरोड़ा, विपुल कृष्ण नागर, अनूप अग्रवाल, भजन गायक डॉ. अमलेश शुक्ला, गीतकार कन्हैया दुबे केडी, गायिका स्नेहा अवस्थी आदि प्रमुख हैं।
इन कलाकारों का कहना है कि फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से आने वाले विचारों से उस्ताद के परिजनों के साथ ही शासन पक्ष को अवगत कराया जाएगा। ऐसा करके यह कलाकार काशी की ही महान धरोहर को बचाने में अपनी भूमिका भी निभाना चाहते हैं।
शहनाई के संत के परिजनों की मदद भी हो
साहित्यकारों की ओर से भी समर्थन का क्रम शुरू हो गया है। प्रख्यात भोजपुरी कवि पं. हरिराम द्विवेदी, समीक्षक डॉ. जितेंद्रनाथ मिश्र, गीतकार सुरेंद्र वाजपेयी, राजेंद्र कुमार गुप्त, नरोत्तम शिल्पी, सलीम शिवालवी, शमीम गाजीपुरी, सिद्धनाथ शर्मा, डॉ. सरोज सिंह, नागेश त्रिपाठी शांडिल्य, रुद्रनाथ त्रिपाठी ‘पुंज’ ने कहा है कि उस्ताद के परिजनों की माली हालत को ध्यान में रखते हुए सरकार को अविलंब कोई ठोस कदम उठाना चाहिए। ऐसा करके एक तरफ उस्ताद की धरोहर बचा ली जाएगी और दूसरी तरफ शहनाई के संत के परिजनों की मदद भी हो जाएगी। आर्थिक तंगी के बावजूद विरासत को संभालकर रखने की उनकी कोशिशों को बल मिलेगा।