एसएसपी : उन्हें पता था क्या कि पुलिस फोर्स आने वाली थी ।
एसओ : जी, उन्हें पता है कि पुलिस है।
एसएसपी : अब तक कितने लोग घायल हुए हैं? दो लोग
एसओ : जी, अब चार सिपाही हो गए हैं, चारों को बाहर निकाला गया है।
एसएसपी : उनके पास कौन से हथियार हैं ?
एसओ : 315 बोर की रायफल, पिस्टल के साथ हमलावर बम का भी उपयोग कर रहे हैं।
एसएसपी : क्या तुम्हें पता था कि विकास दुबे इतना खतरनाक आदमी है। उसके साथ चार पांच हथियारबंद बदमाश हर समय रहते हैं और वह बम भी चला सकता है।
एसओ : जी सर, मैं जानता था, मुझे अंदेशा था, इसीलिए मैंने आपको बताया था और फोर्स मांगी थी।
एसएसपी : (बीच में एसओ की बात काटते हुए) नहीं तुमने मुझे यह नहीं बताया था कि इसके साथ चार-पांच बदमाश हर समय रहते हैं और यह बम भी चला सकता है।
एसओ : उन लोगों ने गाडिय़ां सड़क पर ही छोड़ दी थीं। गोलियां चली तो सभी तितर-बितर हो गए कौन कहां हैं? किसी को नहीं पता।
एसएसपी: सीओ कहां है ?
एसओ : वहीं है
एसएसपी : बात हुई
एसओ : नहीं, एक मोबाइल गाडृ़ी है दूसरा मिल नहीं रहा
एसएसपी : क्या स्थिति है? अंदर फंसे सिपाहियों को बाहर निकाल पाए या नहीं, अभी सिपाही फायरिं कर रहे हैं या नहीं।
एसओ : सर, 15 से 20 मिनट फायरिंग हुई थी। अब फायर नहीं हो रहे हैं और किसी को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। विकास का घर गांव के बीचोंबीच है। पुलिस टीम ने उसको चारों ओर से घेरा था, इसी बीच फायरिंग शुरू हो गई। कितने पुलिसकर्मियों को गोली लगी है कुछ नहीं पता।
एसएसपी : जरूर तुम्हारे थाने से पहले ही किसी ने बता दिया होगा कि दबिश पडऩे वाली है।
इसके जवाब में एसओ कोई उत्तर नहीं दे सका।
एसएसपी : अंदर कितने लोग फंसे हुए हैं?
एसओ: 15 से 16 लोग अभी अंदर हैं। जितनी जल्दी हो सके ज्यादा से ज्यादा फोर्स भेज दें।
एसएसपी : वह खुद आ रहे हैं।