कानपुर में चर्चित विकास दुबे के मारे जाने के बाद उसके गुर्गों की शिकायतें जितनी तेजी से बढ़ रही हैं। उतनी तेजी से फर्जी तरह से शिकायत करने वालों की भी संख्या बढ़ रही है। पुलिस जांच में अब तक लगभग एक दर्जन शिकायतें फर्जी निकली हैं। सभी प्रार्थना पत्रों की जांच जारी है। इनमें से जो शिकायतें सही निकल रही हैं। उनपर पुलिस द्वारा कार्रवाई भी की जा रही है।
विकास दुबे की मौत के बाद बिकरू और उसके आसपास के गांवों में विकास दुबे और उसके गुर्गों से पीड़ित लोग पुलिस के सामने पेश होने लगे। हाल में जब डीआईजी ने शिकायती पत्र को लेकर जानकारी जुटाई तो पता चला कि चौबेपुर थाना, सीओ बिल्हौर, एसपी ग्रामीण, डीआईजी, आईजी और एडीजी तक 100 से अधिक प्रार्थना पत्र अब तक दिए जा चुके हैं। डीआईजी ने सभी प्रार्थना पत्रों की जांच सीओ बिल्हौर को सौंपी थी। मोहित अग्रवाल, आईजी रेंज कानपुर ने बताया कि विकास और उसके गुर्गों को लेकर बहुत सारी शिकायतें प्राप्त हुई थीं। सभी की जांच कराई जा रही है। उसमें से कई ऐसी हैं जो फर्जी निकली हैं। उनमें कुछ के नाम पते गलत हैं या है ही नहीं। इन शिकायतों की भी जांच हो रही है। अगर मामले सही पाए गए तो सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मिनी विकास दुबे केे नाम से भी शिकायत :
कुछ दिनों पहले बिरोहा गांव के ग्रामीण आईजी के यहां पहुंचे थे। उन्होंने आईजी के कहा कि बिरोहा गांव का एक रसूखदार खुद को मिनी विकास दुबे कहता है। वह गुड्डन त्रिवेदी और विकास का खास है। उनके दमपर उसने गांव में कई लोगों की जमीनों पर कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं उसके सहयोगी पूरे गांव में घूमकर अवैध वसूली करते हैं। जब भी कोई उनके खिलाफ आवाज उठाता है तो गुर्गा और उसके सहयोगी उसी के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करा देते हैं। आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने पूरा मामला सुनने के साथ ही अधिकारियों से मामले में जांच कर कठोर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है। उसके बाद ग्रामीण वहां से लौट गए।