अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भूमि पूजन की तैयारियों के बीच आकस्मिक जांच में रामलला के एक सहायक पुजारी और परिसर में तैनात पांच सुरक्षाकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने अयोध्या के अधिकारियों को पूरी चौकसी बरतने व कोरोना प्रोटोकाल के सभी निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। अयोध्या में राम जन्मभूमि की ओर जाने वाले हर व्यक्ति की कोरोना जांच की जाएगी।
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और डीआईजी दीपक कुमार ने गुरुवार देर शाम संयुक्त बयान जारी कर बताया कि जन्मभूमि परिसर समेत पूरे जिले में आकस्मिक जांच की व्यवस्था है। इस क्रम में बुधवार को करीब 300 लोगों की जांच की गई थी। डीएम ने बताया कि इस जांच में रामलला के एक सहायक पुजारी, खुफिया संगठन का एक तथा फायर सर्विस के चार कर्मचारी संक्रमित मिले हैं।
इससे पहले सात व 13 जुलाई को भी टेस्ट कराया गया था जिसमें अलग-अलग एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिले थे। डीएम ने बताया कि जन्मभूमि परिसर में प्रोटोकाल का पूरा पालन किया जा रहा है। सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है और समुचित सैनिटाइजेशन का भी प्रबंध है। अवकाश से आने वाले पुलिस कर्मियों को निर्देश है कि वे अपना टेस्ट कराएंगे और उन्हें सात दिनों तक आइसोलेट रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी पुजारियों की आकस्मिक जांच कराई गई लेकिन एक को छोड़कर बाकी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
राम जन्मभूमि में रामलला के मुख्य अर्चक के अलावा चार सहायक पुजारी हैं। साथ ही कोठारी-भंडारी सहित अन्य स्टाफ भी हैं। मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि संक्रमितों में कोई लक्षण नहीं दिखे और उनको कोई शारीरिक परेशानी भी नहीं थी। परिसर में तैनात अन्य सुरक्षा कर्मियों की भी रैंडम जांच कराई जा रही है।
इस बीच, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि संक्रमित लोगों को आइसोलेट किया गया है। साथ ही राम जन्मभूमि में जाने वाले मजदूरों, अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की भी ट्रूनेट मशीन से जांच कराई जा रही है। जो भी संक्रमित पाया जाएगा उसे आइसोलेट कर दिया जाएगा।