अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को करीब ढाई एकड जमीन राजा महेंद्र प्रताप ने वर्ष 1929 में लीज पर दी थी। अब राजा के वंशज का प्रस्ताव मिलने के बाद विश्वविद्यालय ने स्कूल का नाम राजा के नाम पर करने का ऑफर दिया है। हालांकि इस पर अभी विश्वविद्यालय की ओर से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है। बता दें कि राजा महेंद्र प्रताप ने वर्ष 1929 में एएमयू को करीब ढाई एकड जमीन लीज पर दी थी। जमीन को 90 साल की लीज पर दिया गया था। अब लीज खत्म होने पर राजा के वंशज की ओर से विश्वविद्यालय को एक पत्र लिखा गया। जिसमें कहा गया कि एएमयू का तिकोनिया पार्क व सिटी स्कूल दोनों राजा महेंद्र प्रताप की जमीन पर बने हैं। विश्वविद्यालय को यह जमीन 90 साल पहले लीज पर दी गई थी, जिसकी अवधि अब समाप्त हो गई है। वंशज की ओर से प्रपोजल दिया गया कि तिकोनिया पार्क की जमीन उनको वापस कर दी जाए। साथ ही उनकी जमीन पर बने यूनिवर्सिटी के सिटी स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से किया जाए। दो दिन पहले एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में वाइस चांसलर के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी के सदस्य ही इस पर ठोस निर्णय लिया जाएगा। हालांकि सूत्रों की मानें तो वंशज की ओर से प्रस्ताव मिलने के बाद विश्वविद्यालय की ओर से ही स्कूल का नाम राजा के नाम से करने का ऑफर वंशज को दिया गया। हालांकि इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी अधिकारिक कोई बयान नहीं दिया गया है। इस पर विश्वविद्यालय की ओर से जल्द कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है।
वंशज ने जमीन को खरीदने का भी दिया ऑफर -राजा महेंद्र प्रताप के वंशज की ओर से एएमयू को दिये गये प्रस्ताव में यह भी कहा गया हैं कि आप तिकोनिया पार्क की जमीन वापस नहीं करना चाहते हैं तो उसको खरीद भी सकते है। एएमयू प्रशासन इस पर भी विचार कर रहा हैं कि जमीन को खरीदा जाएं अथवा वापस किया जाएं या अन्य कोई फैसला लिया जाएं।