जम्मू-कश्मीर में 15 देशों के राजनयिकों के दो दिनों का दौरा पूरा हो गया। हलांकि इस दौरे के बाद अमेरिका ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, यह अच्छा कदम है, लेकिन अमेरिका ने कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं को नजरबंद किए जाने और इंटरनेट पर रोक जैसे कदमों पर चिंता जताई। अमेरिकी विदेशमंत्रालय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्दी ही जम्मू-कश्मीर में स्थितियां सामान्य हो जाएंगी। दरअसल जम्मू-कश्मीर जाने वाले 15 राजनयिकों में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर भी शामिल थे।
दरअसल 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश के रुप में पुनर्गठित कर दिया था जिसके बाद वहां कई तरह की पाबंदियां लागू की गई थी। हलांकि अब इन पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दी जा रही है लकिन मोबाइल इंटरनेट पर अब भी एहतियातन बैन लगा हुआ है।
जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त को 370 हटाने के बाद विदेशी राजनयिकों का यह पहला दौरा था। इस दौरान राजनयिकों ने कश्मीर में सिविल सोसाइटी के लोगों, नेताओं और सेना के शीर्ष अधिकारियोंसे मुलाकत की और वहां के हालात को जाना। इसे लेकर यह कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के प्रॉपगैंडे की पोल खोलने के लिए भारत ने विदेशी राजनयिकों को दौरे की मंजूरी दी थी जिससे की वो सच देख सकें।