अमेरिका में नौकरी की इच्छा रखने वाले भारतीय आईटी कर्मचारियों को ट्रंप ने झटका देते हुए एच-1 बी वीजा जारी करने पर साल के अंत तक रोक लगाने की घोषणा की है।
इस पर विरोध जताते हुए अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि यह फैसला एशियाई उच्च कुशल कर्मचारियों के साथ-साथ उन अमेरिकी कारोबारों को भी बड़ा नुकसान पहुंचाएगा जो प्रवासी कर्मियों पर निर्भर हैं।
सांसद जूडी चू ने कहा, ‘इस फैसले से एशिया के ऐसे उच्च दक्षता प्राप्त कर्मी प्रभावित होंगे, जो एच-1 बी वीजा प्रणाली का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका में एच-1 बी वीजा धारकों में से 80 प्रतिशत एशिया के ही लोग हैं।
उन्होंने प्रवासियों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अहम बताते हुए कहा कि वह कृषि और मेडिकल क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि कारोबार और अकादमी के लिए भी जरूरी हैं।
चू ने कहा, ‘यदि हम कोविड-19 वैश्विक महामारी से प्रभावित अपनी अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाना चाहते हैं, तो हम प्रवासियों का आना बंद नहीं कर सकते।