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UP: पूर्व सीएम कल्याण सिंह की निधन पर AMU के कुलपति ने जारी किया शोक संदेश, कैंपस में मचा हंगामा, विरोध में लगे पोस्टर

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करने मामले में AMU में हंगामा मचा हुआ है। और कैम्पस के अंदर एएमयू कुलपति तारिक़ मंसूर की निंदा हो रही है। इसे लेकर कैंपस में कुछ जगहों पर पर्चे भी चिपकाए गए हैं। पर्चे किसने चिपकाये हैं अभी इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। वहीं जल्द ही इस तरह की गतिविधि करने वाले लोगों को सामने लाने की बात कही जा रही है।

By: Amit ranjan 
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UP: पूर्व सीएम कल्याण सिंह की निधन पर AMU के कुलपति ने जारी किया शोक संदेश, कैंपस में मचा हंगामा, विरोध में लगे पोस्टर

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करने मामले में AMU में हंगामा मचा हुआ है। और कैम्पस के अंदर एएमयू कुलपति तारिक़ मंसूर की निंदा हो रही है। इसे लेकर कैंपस में कुछ जगहों पर पर्चे भी चिपकाए गए हैं। पर्चे किसने चिपकाये हैं अभी इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। वहीं जल्द ही इस तरह की गतिविधि करने वाले लोगों को सामने लाने की बात कही जा रही है।

दरअसल 22 अगस्त को कल्याण सिंह के निधन पर एएमयू के जनसंपर्क विभाग की तरफ से ‘कल्याण सिंह के निधन पर एएमयू कुलपति ने शोक जाहिर करते हुए एक प्रेस नोट भेजा जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल श्री कल्याण सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

वहीं इस शोक संदेश के विरोध में कैंपस में जो पोस्टर लगाया गया, उसमें लिखा गया है कि वाइस चांसलर द्वारा कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करना शर्मनाक है, क्योंकि कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना के मुख्य पात्रों में से एक थे और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया था। आपको बता दे कि जो पोस्टर लगाया गया है, उसपर किसी संगठन या छात्र का नाम नहीं लिखा है। हालांकि, कुछ छात्र संगठनों ने इस पत्र का समर्थन किया है।

बता दें कि इस तरह के पर्चे चिपकने के बाद कैंपस में खलबली मच गई। आनन-फानन में पर्चे हटा दिए गए। मामले पर जब एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन से बात की गई तो फैजुल ने बताया कि नोटिस कैंपस के किसी जगह में लगा था यह मेरे पास मैसेज आया था। हमने कोशिश की, की पता चले कि यह कहां से और किसने लगाया है। इसमें किसी का नाम नहीं है। कोई भी इस तरह का पोस्टर लगा सकता है।

उन्होंने कहा कि हर जगह कैमरा है। नोटिस में वाइस चांसलर और कल्याण सिंह की मौत को लेकर है। वीसी ने जो मैसेज दिया था कि देश का नुकसान हुआ है कल्याण सिंह के जाने से, तो मैंने लिखा था कि हो सकता है कि देश का नुकसान ना हुआ हो लेकिन हमारे वीसी साहब का पर्सनल नुकसान हुआ है। हर कोई जानता था कि इनका बहुत करीबी मामला है और दोनों का घर मेरिस रोड पर ही है। इनके बहुत पुराने रिश्ते हैं। दोनों परिवार हर तरह के कार्यक्रम में शामिल होते हैं। हर आदमी जानता है, जो नोटिस में लिखा है उसी तरह से लिखा था।

एक अन्य छात्र नेता ने बताया कि पोस्टर कि जहां तक बात है वीसी साहब के खिलाफ किसने लगाया है यह तो हमें नहीं पता। लेकिन पोस्टर में जो कंटेंट लिखा है आप उस पर गौर करें। कंटेंट में बिल्कुल साफ तौर पर लिखा है कि कल्याण सिंह के लिए जो श्रद्धांजलि या गम का इजहार किया है वह ना काबिले बर्दाश्त है। उसका रीजन यह है कि कल्याण सिंह वही कल्याण सिंह है जिनके दौरे हुकूमत में बाबरी मस्जिद शहीद हुई थी। कल्याण सिंह के लिए गम का इजहार अलीगों के लिए बहुत ही दुखद है जो वीसी ने उन्हें दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को जिस शख्स ने अपने पैरों तले कुचला हो, तो यह कांटा हमारे दिल से कैसे इतनी आसानी से निकल सकता है। यह ना काबिले बर्दाश्त है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल रहे कल्याण सिंह का 21 अगस्त को 89 साल की उम्र में निधन हुआ। कल्याण सिंह की गिनती भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में होती रही है, जिन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान अहम भूमिका निभाई थी।

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