उत्तर प्रदेश में उपचुनाव में 7 सीटें जीतने के बाद भाजपा का आत्मविश्वास चरम पर है। इस प्रदर्शन से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को और मजबूत स्थिति में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस सफलता को देखते हुए मिशन 2027 के लिए योगी सरकार में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।
‘सियासी समीकरण’ साधने में जुटे योगी
भाजपा अब समाज के हर वर्ग को साधने के लिए रणनीतिक बदलाव कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संगठन और सरकार के बीच सामंजस्य बैठाने के साथ-साथ उपेक्षित और असंतुष्ट नेताओं को मनाने में जुटे हैं। इसका उदाहरण एससी-एसटी आयोग, महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग और गौ सेवा आयोग जैसे प्रमुख पदों पर पुराने नेताओं को तैनात करना है।
पश्चिम से पूरब तक समर्पित टीम बनाने की कोशिश
योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वी यूपी तक सभी वर्गों और क्षेत्रों के नेताओं को एकजुट करने की रणनीति अपनाई है। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि असंतुष्ट नेता और बंटने वाले वोट भाजपा के पक्ष में एकजुट रहें। उपचुनाव में भाजपा के खाते में आए 7 विधायकों को भी इस रणनीति का हिस्सा बनाते हुए बड़ी भूमिकाएं दी जा सकती हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट
भाजपा सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा है कि उपचुनाव में जीतने वाले दो विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। वहीं, जो मंत्री चुनावों में निष्क्रिय रहे, उनकी कुर्सी खतरे में है। भाजपा संगठन भी नए साल में नए पदाधिकारियों के साथ मिशन 2027 की तैयारी शुरू करेगा।
सपा के पीडीए गठजोड़ की काट
भाजपा ने समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठजोड़ की काट के लिए ओबीसी और दलित विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देने की योजना बनाई है। इस कदम से भाजपा अपने सामाजिक समीकरण को मजबूत कर 2027 के लिए एक प्रभावशाली टीम खड़ी करना चाहती है।
‘सबको जोड़कर बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ रही है भाजपा’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा 2027 के विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत की तैयारी कर रही है। उनकी फायरब्रांड छवि और कड़े फैसले पार्टी की रणनीति को मजबूती देते हैं। अब देखना यह है कि मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह देकर भाजपा अपनी रणनीति को कैसे और मजबूत बनाती है।
भाजपा की यह रणनीति साफ दिखाती है कि पार्टी 2027 को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। उपचुनाव में मिली जीत से उत्साहित भाजपा अब नए समीकरण तैयार कर रही है, ताकि हर वर्ग और क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो और योगी सरकार अपने अगले मिशन की ओर मजबूती से कदम बढ़ा सके।