उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है। सरकार ने ऐलान किया है कि पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएंगे और उनसे नुकसान की वसूली की जाएगी। इसके अलावा, अगर जरूरी हुआ तो इनाम भी घोषित किया जा सकता है।
सख्त कार्रवाई का संकल्प
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, पथराव करने वालों और उपद्रवियों के खिलाफ पहले ही वसूली और पोस्टर लगाने के लिए अधिकारपत्र जारी किया जा चुका है। राज्य के मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा, “योगी सरकार के तहत उत्तर प्रदेश में दंगे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। हम दंगों में शामिल लोगों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।”
नुकसान की भरपाई और शांति की बहाली
जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर प्रकरण में हुए बवाल के बाद जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने सही तरीके से कार्यवाही नहीं की। हालांकि, डीएम और एसपी ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि उपद्रवियों ने सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया, जिसे वसूला जाएगा।
सीसीटीवी तोड़ने की घटना
इस हिंसा के दौरान, सीसीटीवी कैमरों को जानबूझकर तोड़ा गया ताकि उपद्रवियों की पहचान न हो सके। पुलिस द्वारा की गई ड्रोन वीडियोग्राफी में कुछ युवक सीसीटीवी कैमरों की तरफ इशारा करते हुए कैमरों को तोड़ते हुए दिखे।
कानूनी कार्रवाई और जांच
मुरादाबाद कमिश्नर अनंजय कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 27 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई, और प्रशासन ने मृतकों के परिजनों से एफआईआर दर्ज करने की अपील की है।
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि राज्य में कानून का पालन किया जा रहा है, और जो भी कानून अपने हाथ में लेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।