अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने महाकुंभ 2025 को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों का महाकुंभ में प्रवेश वर्जित किया जाना चाहिए और उन्हें खाने-पीने के सामान की दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि इससे साधु-संतों और तपस्वियों का धर्म भ्रष्ट होने का खतरा है।
“सनातन धर्म का सबसे बड़ा समागम है महाकुंभ”
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है, जिसमें पूरे देश से संत, महात्मा, और तपस्वी आते हैं। ऐसे में खाने-पीने के सामानों में मिलावट की घटनाएं, जिनकी पहले भी रिपोर्ट आई है, माहौल खराब कर सकती हैं।
“मुस्लिमों को दुकान लगाने की अनुमति न हो”
उन्होंने दावा किया कि कई जगह “थूक जिहाद” और खाने-पीने के सामानों में मिलावट के मामले सामने आए हैं। इससे सनातन धर्म के अनुयायियों का धर्म भ्रष्ट हो सकता है। महंत ने कहा कि मुसलमान ठेकेदारी या अन्य व्यवसाय कर सकते हैं, लेकिन उन्हें भोजन या पेय पदार्थ बेचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
“मक्का में हिंदुओं को अनुमति नहीं, तो यहां भी नियम लागू हो”
महंत रवींद्र पुरी ने यह भी कहा कि यदि मक्का में गैर-मुसलमानों को प्रवेश या दुकान लगाने की अनुमति नहीं है, तो महाकुंभ में भी इसी तरह के नियम लागू किए जाने चाहिए।
भाजपा को समर्थन की अपील
महंत ने महाराष्ट्र में भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की। उन्होंने शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को कट्टर हिंदूवादी नेता बताते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने गैर-भाजपा दलों से गठबंधन कर हिंदुत्व की राह से भटकने का काम किया है।
विवाद के बाद बढ़ सकता है तनाव
महाकुंभ 2025 से पहले यह बयान धार्मिक और राजनीतिक विवाद को जन्म दे सकता है। सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए इस तरह के मुद्दों पर ध्यानपूर्वक विचार करने की जरूरत है।