रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश ATS ने रोहिंग्या के मामले में एक बड़ा खुलासा किया है। ATS ने खुलासा करते हुए बताया कि ये रोहिंग्या, सोना तस्करी कर भारत लाते हैं और यहां रह रहे अन्य रोहिंग्या को आर्थिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। इस मामले में ATS ने अलीगढ़ से दो सोना तस्करों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आर्थिक रूप से काफी मजबूत हैं और ये मुख्य तौर पर बांग्लादेश और म्यांमार से सोना तस्करी कर भारत लाते थे और अलग-अलग तरीके से अन्य रोहिंग्या की मदद करते थेय़
आपको बता दें कि आरोपी रफीक और आमीन, अवैध तरीके से बांग्लादेश के रास्ते भारत मे घुसपैठ कर रह रहे थे। दोनों आरोपियों को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 6 सोने के बिस्किट बरामद हुए हैं। ATS की मानें तो, काफी लंबे समय से इनपुट मिल रहा था कि म्यामांर के रहने वाले कुछ रोहिंग्या बांग्लादेश होते हुए भारत-बांग्लादेश इंटरनेशनल बॉर्डर पर मौजूद एजेंट के माध्यम से भारत में दाखिल हो रहे हैं। इसके साथ ही वे गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं।
इसके साथ ही यह भी इनपुट मिला था कि भारत में घुसपैठ करने के बाद वो भारत का फर्जी पहचान पत्र हासिल कर रह रहे हैं और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बस रहे हैं। जिसके बाद ATS ने एक्शन लेना शुरू किया। पूछताछ में पता चला है कि यह सोना भारत में नहीं बल्कि खाड़ी देशों में मिलता है। IG जीके गोस्वामी ने बताया कि सोना कहां से लाया गया इसका पता लगाया जा रहा है। लेकिन सोना तस्करी कर देश में रोहिंग्या अपनी जगह बना रहे हैं।
आपको बता दें कि देश में राशन वाले अन्य रोहिंग्याओं की मदद लगातार की जा रही है। इससे आर्थिक रूप से उन्हे काफी मजबूती मिली है। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस रोहिंग्याओं की कमर तोड़ने की काम कर रही है।
ATS IG जीके गोस्वामी ने आगे बताया कि, पकड़े गए दोनों रोहिंग्या से काफी इनपुट मिला है। जिसमें पश्चिमी यूपी से सोने की तस्करी में बड़े तार होने के पक्के सबूत मिले हैं। कस्टम विभाग ने दिल्ली और लखनऊ एयरपोर्ट पर अभी तक जितने सोना तस्करों को पकड़ा, उनमें ज्यादातर लखनऊ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर समेत, वेस्ट यूपी के एक समुदाय विशेष के थे। आशंका जताई जा रही है कि रोहिंग्याओं के तार इन्ही तस्करों से जुड़े हुए हैं। एटीएम ने बीते दो साल में पकड़े गए सोना तस्करों का ब्यौरा कस्टम से मांगा है।
IG ने आगे बताया कि गिरफ्तार रोहिंग्या का पहली बार सोने में तस्करी करने का मामला सामने आया है। दोनों म्यांमार के मारिक्कम मांगड़ू के मूल निवासी हैं। यह दोनों बांग्लादेश के रास्ते कुछ साल पहले देश में दाखिल हुए और हरियाणा में पहले से ठिकाना बनाए अपने रिश्तेदारों के साथ रहने लगे। फिर दोनों कुछ महीने पहले अलीगढ़ आये और यहां से पूर्वी यूपी तक जाल फैला रहे थे। दोनों अब रोहिंग्या नागरिकों को इंडिया में एंट्री करवाने की दलाली कर रहे थे।