कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवरात्रि के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी और अपने निवास पर कन्या भोज का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने बेटियों की पूजा कर उन्हें भोजन कराया। शिवराज सिंह ने कहा, “ऐसा लग रहा था जैसे साक्षात् देवी मां हमारे घर पधारी हों।”
उन्होंने कहा, “पूरा देश 9 दिन तक भक्ति और श्रद्धा के भाव में डूबा रहा। हमने पूरी श्रद्धा से देवी मां की पूजा की और आज मां से यही प्रार्थना की कि उनकी कृपा और आशीर्वाद हम पर सदैव बना रहे।” शिवराज सिंह चौहान ने बेटियों को देवी का रूप बताते हुए कहा कि उनकी पूजा करना देवी मां की पूजा के समान है।
बेटियों का सम्मान देवी मां की सच्ची आराधना है
उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “दुर्गा सप्तशती में माता कहती हैं कि सभी बेटियां और स्त्रियां उनका अंश हैं। ऐसे में हर किसी का कर्तव्य है कि वह बेटियों का आदर और सम्मान करें।”
बेटियां देवी का रूप हैं। आज जब बेटियों की पूजा की, उन्हें भोजन कराया तो लग रहा था कि साक्षात् देवी मां ही पधारी हैं।
दुर्गा सप्तशती में माता कहती हैं कि समस्त बेटियां, स्त्रियां मेरा ही अंश है और इसलिए संपूर्ण देशवासियों से मेरी प्रार्थना है कि बेटी का आदर करें, उन्हें सम्मान… pic.twitter.com/RnHaaumhGX
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 11, 2024
चौहान ने समाज में हो रही कुछ घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “कुछ घटनाएं मन को आहत करती हैं और समाज को शर्मसार करती हैं। आज यह संकल्प लेने का समय है कि हम बेटियों का मन, वचन और कर्म से सम्मान करेंगे। समाज में उन्हें उचित स्थान देंगे और उनके अधिकारों का संरक्षण करेंगे।”
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता
कृषि मंत्री ने भारतीय संस्कृति का हवाला देते हुए लिखा, “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः” यानी जहाँ स्त्रियों का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं। उन्होंने कहा, “बेटियों की केवल पूजा ही नहीं करनी चाहिए, बल्कि समाज को हृदय से उनका सम्मान करना चाहिए। यही तो हमारे लिए साक्षात् देवियां हैं।”
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जब उन्होंने अपनी बेटियों के साथ देवी मां की आरती की और उन्हें भोजन कराया, तो ऐसा महसूस हो रहा था जैसे साक्षात् देवी मां ही उनके समक्ष उपस्थित थीं। उन्होंने एक बार फिर सभी देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं और माता रानी के चरणों में प्रणाम किया।