केंद्र सरकार द्वारा लाये 3 कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार ने फिलहाल उन्हें दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर रोका हुआ है। शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ ऐसे व्यवहार किया जा रहा है, जैसे वे ‘आतंकवादी’ हों और यह दुखद है कि उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
राउत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार को किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। केन्द्र द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हजारों किसान ‘दिल्ली चलो’ कूच के तहत राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर डेरा जमाए हुए हैं।
राउत ने कहा, ‘दुख की की बात है कि किसानों को दिल्ली आने की अनुमति नहीं दी जा रही और उनके साथ ऐसे व्यवहार किया जा रहा है, जैसे वे आतंकवादी हों औऱ किसी दूसरे देश से आए हों। सरकार को किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।’
बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर लगातार तीन दिनों से आंदोलनरत किसान रविवार को भी अपना प्रदर्शन जारी रखने को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के किसान डेरा जमाए हुए हैं।
किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार हाल ही में पारित तीन कृषि कानूनों को रद्द करे। इसके साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म नहीं किया जाएगा इसकी गारंटी दे। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से आग्रह किया था कि वे दिल्ली के निरंकारी मैदान में प्रदर्शन करें, तो सरकार दूसरे ही दिन उनसे बात करेगी।
किसानों ने कल सुबह बैठक में इस आग्रह को मानने से इनकार कर दिया। किसानों ने कहा कि निरंकारी मैदान एक खुली जेल की तरह है। शनिवार और रविवार को रात भर दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की तैनाती रही।
किसानों ने कल ही स्पष्ट कर दिया था कि वो यहां से कहीं नहीं जाएंगे। किसानों ने कहा कि निरंकारी मैदान एक खुली जेल की तरह है। वहीं, सिंघु और दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर के साथ ही टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों का प्रदर्शन जारी है।
बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन की अनुमति मिलने के बाद भी किसान सीमाओं पर ही अड़े हुए हैं। इसे देखते हुए टिकरी बॉर्डर पर भी भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।