आज देश के तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जाएगा। ऐसे में दिल्ली में होने वाले कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन के लिए तीन जगहों का चयन किया गया है।
दरअसल केंद्र सरकार ने कहा था कि दो जनवरी तक सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन पूरा हो जाए, ताकि योजना और कार्यान्वयन के बीच जुड़ाव की जांच हो सके और चुनौतियों की पहचान की जा सके।
दिल्ली में तीन जगहों पर वैक्सीन का ड्राई रन करने की योजना बनाई गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “शाहदरा के गुरु तेग बहादुर अस्पताल, दरियागंज का शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और द्वारका का वेंकटेश्वर अस्पताल दिल्ली में तीन स्थान हैं, जिनका चुनाव ड्राई रन के लिए किया गया है।” इन तीन स्थान एक शाहदरा जिले में, एक दक्षिण पश्चिम जिले में और एक मध्य जिले में है।
स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, तीन चयनित जगहों पर कोविड टीकाकरण के लिए होने वाले ड्राई रन के वास्ते शुक्रवार को दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस किया गया। ये तीन स्थान एक शाहदरा जिले में, एक दक्षिण पश्चिम जिले में और एक मध्य जिले में है।
ड्राइ रन के तहत, कोरोना टीके के कोल्ड स्टोरेज, उसके ढुलाई का इंतजाम, टीका स्थल पर भीड़ का प्रबंधन, एक दूसरे के बीच दूरी बनाने की व्यवस्था आदि को भी परखा जाएगा।
पूरी कवायद इसलिए की जा रही है ताकि फाइनल अभियान लॉन्च करने से पहले उसकी खामियों को दूर किया जा सके। इसके अलावा अभियान में शामिल प्रोग्राम मैनेजर्स को हैंड्सऑन अनुभव भी मिलेगा।
दरअसल, रिहर्सल से कोरोना टीके को जुटाने और टीकाकरण की जांच प्रक्रिया, क्षेत्र में कोविन के उपयोग, नियोजन, क्रियान्वयन, रिेपोर्टिंग के बीच तालमेल, चुनौतियों की पहचान, वास्तविक क्रियान्वयन के बारे मे मार्गदर्शन, यदि किसी सुधार की जरुरत हो तो उसे चिह्नित करना, आदि का पता चलेगा।
ड्राई रन का मतलब ये है कि पूरे टीकाकरण प्रोसेस की मॉक ड्रिल होगी। यानी सबकुछ वैसा ही होगा जैसा टीकाकरण अभियान में होने वाला है, सिवाय वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के। मतलब ये कि डमी वैक्सीन कोल्ड स्टोरेज से निकलकर वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचेगी।
साइट्स पर क्राउड मैनेजमेंट को भी टेस्ट किया जाएगा। वैक्सीन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग को भी परखा जाएगा। कुल मिलाकर असली वैक्सीन देने को छोड़कर बाकी हर एक चीज होगी।
दो दिन तक ड्राई रन चलने के बाद, एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। स्टेट लेवल पर बनी टास्क फोर्स उसका रिव्यू करेगी। इसके बाद रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी जाएगी। केंद्रीय स्तर पर चारों राज्यों में चले ड्राई रन की फाइंडिंग्स का फिर रिव्यू होगा।
अगर प्लान में बदलाव की जरूरत महसूस हुई तो वह भी किया जाएगा। अगर सबकुछ ठीक रहता है तो अभी के प्लान के हिसाब से ही जनवरी में टीकाकरण अभियान लॉन्च कर दिया जाएगा।
इस ही के साथ आप को देश के दूसरे राज्यों के बारे में बता दे कि उत्तर प्रदेश में ड्राई रन के लिए राज्य सरकार ने लखनऊ में सहारा अस्पताल, आरएमएल अस्पताल, केजीएमयू और एसजीपीजीआई सहित 6 केंद्रों का चयन किया है। इन केंद्रों पर सुबह 9 बजे से लेकर 4 बजे तक वैक्सीनेशन की तैयारियों को परखा जाएगा।
बिहार में पटना, बेतिया और जमुई में कोरोना वायरस वैक्सीन की मॉक ड्रिल होगी। इसे लेकर राज्य के अधिकारियों ने विशेष तैयारियां की हैं। मॉक ड्रिल में हर प्वाइंट पर 25 हेल्थ वर्कर्स को उपस्थित रहना अनिवार्य है। इन्हीं पर वैक्सीन लगाने का ट्रायल किया जाएगा।
जम्मू कश्मीर के तीन जिलों के 9 अस्पतालों में ड्राई रन का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र शासित प्रदेश की तैयारियों को भी जांचा जाएगा। रिपोट्स के अनुसार, कश्मीर घाटी के श्रीनगर और कुलगाम जिले और जम्मू क्षेत्र में जम्मू जिले में यह आयोजन किया।
आपकतो बता दें कि तीन वैक्सीन कंपनियों ने इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए अनुमति मांगी थी। इनमें फाइजर, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया शामिल है। अब सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश के आधार पर डीसीजीआई अपना फैसला लेंगे।