रिपोर्ट: सत्यम दुबे
कोलकाता: कोरोना के दूसरे लहर के कहर ने देश में हाहाकार मचा दिया है, इसी बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुआ है। चुनाव के दौरान सरकारों द्वारा बनाये गये कोविड गाइडलाइन का भी खूब उल्लंघन किया गया। जिसके बाद संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट को बीच में आना पड़ गया। हाईकोर्ट के फटकार के बाद चुनाव आयोग भी सख्ती दिखाने लगा। चुनाव आयोग ने निर्देश जारी कर दिया है कि 2 मई को मतगणना के दौरान मतगणना कक्ष में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों अथवा उनके एजेंट कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट के साथ ही अंदर जाने दिया जायेगा।
चुनाव आयोग के इस नियम को अनिवार्य किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को इस बात पर हैरानी जताई कि निर्वाचन अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र बलों के लिए यह व्यवस्था लागू नहीं की गई। बंगाल में TMC ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में TMC द्वारा कहा गया है कि इस फैसले से उन हजारों केंद्रीय बलों का जीवन और स्वास्थ्य में खतरे में आएगा जो मतगणना कक्षों के बाहर तैनात होंगे।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने उन लोगो को भी मतगणना कक्ष में जाने की इजाजत दी है, जो प्रत्याशी या उनके एजेंट जिनको कोविड-19 टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं। आगामी दो मई को असम, पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में डाले गए मतों की गिनती होनी है। इसके अलावा लोकसभा और अन्य विधानसभाओं के लिए हुए उपचुनावों में डाले गए मतों की गिनती भी होगी।
पश्चिम बंगाल के चुनाव के आखिरी चरण में हिंसा की खबरों के बीच मतदान जारी है। दोपहर साढ़े तीन बजे तक 68.46% लोगों ने वोट डाले हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत लोगों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराते हुए मतदान कराया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में आठवें चरण के मतदान में कई जगहों से हिंसा की खबरें भी आई हैं। नॉर्थ कोलकाता में कई जगहों से बमबाजी की खबर है। वहीं भाजपा नेताओं का आरोप है कि तृणमूल के कार्यकर्ता भाजपा के एजेंटों को धमका रहे हैं। मुर्शिदाबाद में एक माकपा कार्यकर्ता की हत्या भी कर दी गई। दोपहर 02 बजे तक 60 फीसदी मतदान होने की जानकारी है।