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मां के न चाहने के बाद भी क्रिकेटर बना यह खिलाड़ी, पिता की थी हालत खराब

By: RNI Hindi Desk 
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मां के न चाहने के बाद भी क्रिकेटर बना यह खिलाड़ी, पिता की थी हालत खराब

रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: अक्षर पटेल भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते हुए फिरकी गेंदबाज, जिन्होने अपनी फिरकी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खूब तंग किया और उनको अपना शिकार भी बनाया। आपको बता दें कि इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में अक्षर पटेल ने पहली पारी में 2 विकेट अपने नाम किया था, तो वहीं दूसरी पारी में 5 विकेट अपने नाम करते हुए इंग्लैड के बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी थी। आपको बता दें कि गुजरात के नाडियाड के रहने वाले फिरकी गेंदबाज अक्षर पटेल काफी वक्त के बाद अपने होम ग्राउंड में गुजरात को मोढ़ेरा स्टेडियम में खेलेगें।

भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा और चौथा मैच मोढ़ेरा स्टेडियम में खेला जायेगा। साल 2014 में वनडे डेब्यू करने के 7 साल बाद उन्हें टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला।

टेस्ट डेब्यू करते ही अक्षर इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूट पड़े। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में 2 पारियों में 7 विकेट अपने नाम किए। आपको बता दें कि अक्षर पटेल के जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी था कि जब पिता के एक्सीडेंट के बाद पूरी तरह से टूट गये थे, लेकिन उन्होंने अपने हौंसले को टूटने नहीं दिया और भारतीय टीम में बेहतरीन कमबैक किया।

अक्षर पटेल के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होने आईपीएल में 97 मैच खेले हैं। 27 वर्षीय अक्षर ने चेन्नई में खेले गये दूसरे टेस्ट मैच की दोनो पारियों में कप्तान जो रुट को आउट किया। अक्षर पटेल ने दोनो पारियों को मिलाकर सात विकेट निकाले, इसके साथ ही अक्षर अपने डेब्यू टेस्ट में पांच या उससे ज्यादा विकेट लेने वाले छठे भारतीय स्पिनर बन गए हैं।

आपको बता दें कि अक्षर पटेल के माता-पिता ने एक इंटरव्यू में कहा कि आज जब वो अपने बेटे का नाम न्यूज पेपर की हैडलाइन में देखते हैं, तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। उनके माता पिता चाहते थे कि अक्षर इंजीनियर बनें, अक्षर पढ़ाई मे बहुत तेज थे। लेकिन खेड़ा जिला क्रिकेट के सचिव और सहसचिव संजयभाई पटेल ने अक्षर के पिता को मनाया कि उनका बेटा पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट में भी बहुत अच्छा है, उसे इसपर ध्यान देना चाहिए।

अक्षर की मां प्रीति पटेल ने बताया कि “वह कभी नहीं चाहती थीं कि उनका बेटा क्रिकेटर बने”, उन्हें डर था कि वह चोटिल न हो जाए। उन्होंने कहा कि ‘वह बहुत छोटा था, यहां तक कि उसकी दादी ने भी उसके क्रिकेट खेलने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन अक्षर खेलने के लिए जिद्दी था। अब मुझे लगता है कि उसे रोकना नहीं, यह एक सही फैसला था।

अक्षर ने साल 2012 में रणजी ट्रॉफी में गुजरात के लिए डेब्यू किया था, इसके बाद 15 जून 2014 में ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने पहला वनडे मैच खेला था। इसके बाद उन्होंने 17 जुलाई 2015 में टी-20 में डेब्यू किया था।

आपको बता दें कि 2 साल पहले अक्षप पटेल की जिंदगी में वो दौर आया जिससे वह पूरी तरह टूट गए थे। दरअसल, अक्षर के पिता राजेशभाई दोस्तों के साथ रात को टहलने निकले थे, लेकिन एक एक्सीडेंट ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी थी। इस हादसे में अक्षर के पिता की खोपड़ी का बाईं ओर का हिस्सा पूरी तरह से डैमेज हो गया। उनके पिता ने बताया कि अक्षर के परिपक्वता के कारण उनकी जिंदगी बच सकी है।

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