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अयोध्या के सियासी इतिहास में होगा बड़ा उलटफेर, खिलेगा कमल?

By RNI Hindi Desk 
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रिपोर्ट: सत्यम दुबे

अयोध्या: शनिवार 3 जुलाई उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बड़ा दिन होगा। शनिवार को ही जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सभी राजनीतिक पार्टीयों के लिए एक बड़ा अवसर है, अपने आप को साबित करने का। आइये जानते हैं, भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में क्या है समींकरण…

बात करें अयोध्या की तो यहां से कभी भी बीजेपी का जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं हुआ है। लेकिन इस बार यहां का समींकरण कुछ और है। अयोध्या में पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की उम्मीद है। बीजेपी ने यहां से रोली सिंह को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं विपक्षी समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री आनंद सेन की पत्नी इंदू सेन को मैदान में उतारा है.

वहीं कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने वॉकओवर दे दिया है। इसबार अगर अयोध्या में कमल खिलता है तो यह शतरंज की बिसात पर मोहरों की एक ऐसी उलटफेर होगी जिसमें अपने ही अपनो को मात देगें। बीजेपी ने पूरा बाजार द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य बनीं रोली सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। रोली सिंह, आलोक सिंह रोहित की पत्नी हैं जिनकी गिनती बड़े ट्रांसपोर्टर के रूप में होती है।

यहां रोली सिंह से अधिक मजबूत दावेदारी इंद्रभान सिंह की थी जो लंबे समय से बीजेपी से जुड़े रहे हैं और चुनाव भी लड़ते रहे हैं। टिकट को लेकर बीजेपी में कुछ दिन तक माथापच्ची चलती रही और उसके बाद रोली सिंह को उम्मीदवार बनाने का ऐलान हुआ। बीजेपी के जिला अध्यक्ष संजीव सिंह ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि प्रदेश नेतृत्व की अनुशंसा और क्षेत्रीय अध्यक्ष शेष नारायण मिश्रा के निर्देश पर टिकट की घोषणा की गई है।

जबकि समाजवादी पार्टी ने यहां की राजनीति के दिग्गज मित्रसेन यादव की बहू इंदु सेन यादव को टिकट दिया है। इंदु सेन पूर्व मंत्री आनंद सेन यादव की पत्नी हैं। अयोध्या की राजनीति में मित्रसेन यादव और उनके परिवार का बड़ा दखल रहा है लेकिन पहले बहुचर्चित शशि हत्याकांड में आनंद सेन का नाम आने और उसके बाद मित्रसेन यादव की मृत्यु के बाद इस परिवार की राजनीतिक पकड़ कमजोर होती चली गई।

ऑकड़ों को देखें तो कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। इस स्थिति में बीजेपी और सपा में सीधी टक्कर है। आंकड़ों की बात करें तो समाजवादी पार्टी सीधे तौर पर जीती नजर आ रही है। अयोध्या में जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 40 है। इसमें बीजेपी के जिला पंचायत सदस्यों की संख्या महज आठ है। जबकि सपा के 16 सदस्य जीते हैं।

इसके साथ ही रालोद को एक, बसपा को चार और अन्य के हिस्से में जिला पंचायत सदस्य की 11 सीटें आई हैं। आंकड़ों से साफ है कि दोनों में से कोई भी दल अकेले दम जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। बसपा, कांग्रेस और अन्य के जिला पंचायत सदस्य जिसकी तरफ जाएंगे, विजय उसके हिस्से आएगी।

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