रिपोर्ट: सत्यम दुबे
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार को घोषित हो गये, ममता बनर्जी बंगाल में लगातार बंगाल में तीसरी बार सरकार बनायेंगी। जबकि प्रधानमंत्री मोदी,गृह मंत्री अमित शाह,उत्तर प्रदेश के मुख्.मंत्री योगी आदित्यनाथ,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की जबरदस्त मेहनत ने बंगाल में 3 सीट से लगभग 80 के उपर सीट निकालने में सफल रही। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान BJP ने 200 पार का नारा दिया था, लेकिन 200 पार ममता बनर्जी की पार्टी TMC चली गई। बंगाल के इस घमासान में एक ऐसी भी रही जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। आइये जानते हैं उनके बारे में…
बांकुड़ा जिले की सालतोड़ा सीट से भाजपा उम्मीदवार चंदना बाउरी पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। उन्होंने TMC प्रत्याशी संतोष कुमार मंडल को 4 हजार से ज्यादा मतों से हराया है। आपको बता दें कि इस सीट की चर्चा इसलिए हो रही है, कि पीएम मोदी अपने चुनावी प्रचार में चंदना बाउरी की कई बार जिक्र कर चुके हैं।
हैरानी वाली बात यह है कि जब भाजपा ने उन्हें सालतोड़ा सीट से उम्मीदवार बनाया तो चंदना को जानकारी अपने पड़ोसियों से लगी। उस वक्त भी वे घर में ही मौजूद थीं। चंदना का परिवार दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार का गुजारा करता है। आइये जानते हैं इनके परिवार के बारे में।
चंदना बाउरी के नामांकन में शपथपत्र में दी गई जानकारी के अनुसार उनके खुद के बैंक खाते में सिर्फ 6,335 रुपए हैं, जबकि उनके पति के खाते में महज 1561 रुपए जमा हैं। अपने चुनावी हलफनामे में चंदना ने बताया है कि उनके पास 31,985, जबकि पति के पास 30,311 की संपत्ति है। भाजपा प्रत्याशी चंदना या उनके पति किसी तरह की कृषि जमीन के मालिक नहीं हैं और दिहाड़ी मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं। घर में तीन गाय और तीन बकरियां भी हैं। इसके साथ ही चंदना के तीन बच्चे हैं।
आपको बता दें कि चंदना अपनी पति से ज्यादा पढ़ी हैं, उनके पति सिर्फ 8वीं पास हैं जबकि चंदना खुद 12वीं तक पढ़ी हैं। दोनों पति पत्नी मनरेगा कार्ड होल्डर भी हैं। चंदना और उनके पति को पिछले साल ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए 60,000 रुपए की पहली किस्त मिली है, जिसकी सहायता से दोनों ने दो कमरों वाला पक्का मकान बनाया है।
वीजेपी की तरफ से चंदना बाउरी की चर्चा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार कर चुके हैं। पीएम ने बांकुड़ा में आयोजित चुनावी जनसभा में चंदना की तीन बार तारीफ की। साथ ही उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि की भी चर्चा करते रहे। चंदना के पति श्रबण पहले फारवर्ड ब्लॉक के सदस्य थे, लेकिन उनका कहना है कि 2011 में जब तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी तो टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उनका उत्पीड़न किया जिसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ गए।
इस चुनाव में एक सीख ये भी मिली कि, पैसा खर्च कर चुनाव तो जीता जा सकता है, लेकिन बिना पैसा खर्च किए जब भी चुनाव जीतने की चर्चा की जायेगी, चंदना का मिशाल सबसे पहले दिया जायेगा। उधर सबसे हाई प्रोफाइल सीट मानी जाने वाली सीद नंदीग्राम में भी खुद ममता बनर्जी चुनाव हार गई। यहां मुकाबला इतना कड़ा था कि पल-पल ऑकड़े बदलते रहे, लेकिन अंत में बीजेपी उम्मीदवार सुबेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को 1900 से ज्यादा मतों से मात दी।
इस चुनाव में सबसे ज्यादा झटका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुद लग गया, एक तरफ जहां अपनी पार्टी को अजेय बढ़त दिलाई तो वहीं दूसरी तरफ वो अपनी सीट से चुनाव हार गई। बंगाल की जनता ने भी ये जनादेश देकर से सबको चौंका दिया है।