रिपोर्ट- धीरज मिश्रा
सुनने मे अजीब लगेगा पर सच है। हर चीज के दाम बढ़ें , खाने से लेकर रहने तक के दाम आये दिन बढ़ने की खबर आती रही है। लेकिन 14 साल मे पहली बार ऐसा हुआ है की माचिस का दाम बढ़ा है।
माचिस की तीली कई तरह की लकड़ियों से बनती है। सबसे अच्छी माचिस की तीली अफ्रीकन ब्लैकवुड से बनती है।पाप्लर नाम के पेड़ कीव लकड़ी भी मातिस की तीली बनाने के लिए अत्थी मानी जाती है।
माचिस की कीमत 2007 में 50 पैसे से 1 इसी तरह की। टिविकल 1995 में माचिस की कीमत 25 पैसे से 50 पैसे कर दी। माचिस की डिब्बी में वृद्धि होने से 14 गुना वृद्धि हुई है। माचिस ने बैटरी की कीमत 425 से लेकर अच्छी 810 बैटरी की है। बदली की कीमत 58 से लेकर 80 बजे तक।
14 साल बाद माचिस के दाम दोगुने हो गए हैं। 1 दिसंबर 2021 से माचिस अब 2 रुपए की बिकेगी। घर के सबसे जरूरी और अहम सामानों में छोटी सी माचिस का बड़ा रोल रहता है। बढ़ती गैस कीमतों के साथ अब चूल्हा जलाने के काम में आने वाली माचिस भी महंगी होगी. माचिस बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने एक साथ मिलकर यह फैसला लिया है। इससे पहले 2007 में माचिस की कीमत 50 पैसे बढ़कर 1 रुपए हुई थी।
माचिस के निर्माण में आने वाले नए उत्पाद जैसे, क्लॅन्ग मैट्स, क्लॅन्ग मैट्स की कीमत में वृद्धि हुई है। माचिस इन्फ्रस्ट्रक्चर में जैसे ही भारत में है। हर क्षेत्र में, जहा संपूर्ण माचिस उधम का क्षेत्र 90 है। माचिस ने काम किया है और स्थयी रूप से काम किया है।
माचिस में भी कुछ समय संतुलित होता है। 2015 में माचिस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 20-25 चार्ज की भोजन की सुविधा का विकल्प चुना, 8,000 से अधिक माचिस बंद हो गया । भारत 240 द्वारा प्रकाशित किया गया था।