रिपोर्ट: मोहम्मद आबिद
हमीरपुर: कहते हैं कि कर्म ही पूजा है इंसान अपने कर्मों से ही जाना जाता है और इंसान अपने प्रेम भरी वाणी और अच्छे कर्मों से दूसरों के दिलों में राज करता है। यह कहा जा सकता है कि जहां कोई संबंध ना हो वहां पर भी प्रेम भरी वाणी से अच्छे संबंध बन जाते हैं। आज हम कोई कहानी नहीं बल्कि आपको हकीकत दिखाएंगे आखिर एक अध्यापक की विदाई समारोह में फूट फूट कर ग्रामीण रोए हैं।
पूरा मामला जिला हमीरपुर के सरीला क्षेत्र में एक गांव है जो धरऊपुर के नाम से जाना जाता है धरऊपुर के नवीन प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात भीष्म नारायण जी और धरऊपुर के ग्रामीणों के बीच अजब गजब प्रेम देखने को मिला।
अध्यापक भीष्म नारायण ने ग्राम धरऊपुर में अपने जीवन के 12 साल नवीन प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को शिक्षा देने में बिताए भीष्म नारायण के स्वभाव और वाणी से ग्रामीण इतने प्रभावित हो गए कि 12 साल बाद जब अध्यापक भीष्म नारायण का ट्रांस्फर हुआ है तो ग्रामीणों के आंसू रोके नहीं रूक रहे हैं ।
टीचर भीष्म नारायण के विदाई समारोह में ग्रामीणों के साथ-साथ अध्यापक भीष्म नारायण भी जमकर रोए। और उनके साथ बच्ची, महिला और पुरुष सभी ग्रामीण फूट फूट कर रोते हुए दिखाई दिए।
अध्यापक के ट्रांस्फर से दुखी ग्रामीणों का कहना है एक बार पहले भी भीष्म नारायण जी का ट्रांसफर हुआ था लेकिन ग्रामीणों ने BSA कार्यालय जाकर ट्रांसफर को रुकवाया था और आज जब विदाई समारोह हुआ तो सूचना पाते ही ग्रामीणों का जनसैलाब उमड़ पड़ा और बधाई दी।
तो यह मंजर जिला हमीरपुर के ग्राम धरऊपर में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात भीष्म नारायण के विदाई समारोह में देखने को मिला जो एक प्रेम और संबंधों के लिए एक मिसाइल कायम करता हैं।