देश आज अपना संविधान दिवस मनाया जा रहा है। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था, जिसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।
19 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के निर्णय लिया था।
बीजेपी पार्टी ने समस्त देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
समस्त देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। pic.twitter.com/XY5amD1Lgb
— BJP (@BJP4India) November 26, 2020
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुभकामनाएं देते हुए लिखा “संविधान दिवस” की समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। हमें सर्वसमावेशी, समतामूलक, मानवीय मूल्यों एवं अंत्योदय की भावना से पूरित संविधान प्रदान करने वाले हुतात्माओं को कोटिशः नमन। आइए, आज के पावन अवसर पर हम सभी अपने देश के महान संविधान के अनुसार आचरण करने हेतु संकल्पित हों।
"संविधान दिवस" की समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
हमें सर्वसमावेशी, समतामूलक, मानवीय मूल्यों एवं अंत्योदय की भावना से पूरित संविधान प्रदान करने वाले हुतात्माओं को कोटिशः नमन।
आइए, आज के पावन अवसर पर हम सभी अपने देश के महान संविधान के अनुसार आचरण करने हेतु संकल्पित हों।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 26, 2020
अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट करके लिखा बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के मार्गदर्शन में तैयार हुआ हमारे भारतीय गणतंत्र का संविधान हमें विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का गौरव देता है। हम सभी भारतवासियों को अपने संविधान पर गर्व है। सभी देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के मार्गदर्शन में तैयार हुआ हमारे भारतीय गणतंत्र का संविधान हमें विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का गौरव देता है। हम सभी भारतवासियों को अपने संविधान पर गर्व है।
सभी देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 26, 2020
आप को बता दे कि भारत का संविधान दिसंबर 1946 और दिसंबर 1949 के बीच तैयार किया गया। यह बेहद ही चुनौतीपूर्ण समय था, क्योंकि धार्मिक दंगे, जातिगत युद्ध और लैंगिक असमानता देश के सामाजिक ताने-बाने को खतरे में डाल रही थी। यह न तो मुद्रित था और न ही टाइप किया गया था. यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखा गया।
389 सदस्यों वाली संविधान सभा को स्वतंत्र भारत के लिए संविधान बनाने के अपने ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में दो साल, ग्यारह महीने और सत्रह दिन लगे। इस दौरान, 165 दिनों की अवधि वाले 11 सत्र आयोजित किए गए।
29 अगस्त, 1947 को, संविधान सभा ने एक मसौदा संविधान तैयार करने के लिए डॉ. बी आर अंबेडकर की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग समिति का गठन किया। हमारे संविधान को ‘Bag of borrowings’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसने अन्य देशों से कई विचारों को शामिल किया है।
‘संविधान दिवस’ एक तरह से देश के पहले कानून मंत्री डॉ. भीम राव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का भी प्रतीक है, जिन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वैसे तो सविधान के बारे में ऐसा बहुत कुछ है, जिसे हमें जानना चाहिए। लेकिन यहां हम कुछ प्रमुख तथ्यों के बारे में बात करते हैं।