नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ, अब एक बार फिर से इस कानून को लेकर विरोध शुरू हो गया है जिसके लिए तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में बुधवार को इसके विरोध में भारी संख्या में लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
चेन्नई में नागरिकता संशोधन कानून के साथ साथ राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का भी विरोध किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी वलाजाह रोड से राज्य सचिवालय की ओर मार्च कर रहे हैं। विधानसभा का बजट सत्र जारी है। इसे देखते हुए इस इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
इस कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की मांग है कि तमिलनाडु विधानसभा भी सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करे। रैली की शुरूआत कलिवानर आरंगम से हुई। सीएए के खिलाफ निकाले गए मार्च में हजारों की संख्या में महिलाएं शामिल हैं। 14 फरवरी को चेन्नई के वाशरमेनपेट में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद शहर में महिलाओं ने पुलिस की ज्यादती के खिलाफ धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया और लाठीचार्ज में शामिल अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वहीं, तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी ने पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि, पुलिस ने बिना इजाजत विरोध प्रदर्शन करने के लिए लोगों को गिरफ्तार किया था और कहा कि सरकार को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग विरोध प्रदर्शनों को उकसा रहे हैं।
इधर दिल्ली के शाहीन बाग में भी पिछले 2 महीने से नागरिकात कानून के खिलाफ लोग धरने पर सड़कों पर बैठे हुए हैं, जिसके चलते आम लोगों को आने जाने में काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की केंद्र सरकार भी इस कानून को लेकर लगातार लोगों से गुहार लगा रही है कि, इस कानून से किसी को कोई खतरा नहीं है और ना ही किसी की नागरिकता छिनी जाएगी, बल्कि नागरिकता दी जाएगी।