सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन में फ्री कॉलिंग और डाटा की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। बता दे, इस याचिका में कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान सूचना और मनोरंजन मिलना जरूरी है, नहीं तो लोगों की मानसिक स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ेगा।
तो वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस एन वी रमना, एस के कौल और बी आर गवई की पीठ ने फटकार लगाते हुए कहा कि, किस तरह की याचिकाएं दायर की जा रही हैं?
लॉकडाउन के दौरान फ्री में इंटरनेट, कॉलिंग और डीटीएच देने की याचिका अधिवक्ता मनोहर प्रताप ने दायर की थी। मनोहर प्रताप ने पीठ से यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ रहा है जिससे निपटने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए।
याचिका में कहा गया था कि फोन, वीडियो कॉलिंग और ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग से लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग में अपनों की कमी महसूस नहीं होती है। इसके अलावा फोन, वीडियो कॉलिंग और स्ट्रीमिंग में व्यस्त रहने के कारण लोगों में कम तनाव होगा।