आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई को अब नोएडा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अपने दमदार तेवर के लिए मशहूर सुहास एशियन पैरालंपिक बैडमिंटन में गोल्ड जीत चुके हैं। इससे पहले वो आजमगढ़, जौनपुर और प्रयागराज जैसे जिलों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बीएन सिंह ने खुद चिट्ठी लिखकर पद से हटाने की मांग की थी, जिसके बाद उन्हें गौतम बुद्ध नगर जिले के नए जिलाधिकारी बनाया गया है।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए नोएडा में मीटिंग के दौरान सीएम योगी ने बीएन सिंह को काम में लापरवाही को लेकर फटकार लगाई थी, सीएम के डांट के बाद बीएन सिंह ने चिट्ठी लिखकर कहा कि, वह गौतम बुद्ध नगर जिले के डीएम नहीं रहना चाहते हैं। इसके बाद उन्हें हटा दिया गया और सुहास एल वाई को जिम्मेदारी सैंपी गई है।
कर्नाटक के शिमोगा के रहने वाले सुहास क्रिकेट और बैडमिंटन के अच्छे खिलाड़ी हैं। 2007 में आईएएस अधिकारी बने सुहास एल वाई ने आईएएस एकेडमी से ही बैडमिंटन खेलना शुरु किया और धीरे-धीरे वह इसमें काफी आगे निकल गए। ऑफिस के कार्यों के साथ साथ वह खेल पर भी काफी ध्यान देते हैं, इसी साल तोक्यों में होने वाले ओलपिंक गेम्स के लिए भी उनकी तैयारी चल रही है और वह रोज इसके लिए खूब पसीना भी बहाते हैं। हालांकि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए गेम अगले साल के लिए टल गया है।
बताते चलें कि, सुहास पूर्व सीएम अखिलेश यादव से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा अफसरों में शुमार हैं, साल 2019 में प्रयागराज कुंभ के दौरान वहां के वो डीएम थे, इस दौरान क्राउड मैनेजमेंट से लेकर शहर की साफ-सफाई और साज-सज्जा हर काम को उन्होंने बेहतरीन तरीके से निभाया था।
सुहास अपने घर में अकेले ऑफिसर नहीं हैं बल्कि उनकी पत्नी रितु सुहास भी एक पीसीएस अधिकारी हैं। इस वक्त वो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में ही बतौर एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट पोस्ट पर कार्यरत हैं।
गौरतलब हो कि, नोएडा में कोरोना वायरस से संक्रमित 38 मामले पाए गए हैं, उनमें से 31 मामले एक फैक्ट्री के कर्मचारियों के हैं। सीएम योगी ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को उस फैक्ट्री में तालाबंदी नहीं किए जाने पर जोरदार फटकार लगाते हुए कहा कि अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर थोपने की कोशिश की है जिसकी वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई।