सोना महापात्रा ने हाल ही में कंगना रनोट के बारे में बात की है, जो अपने बयानों को लेकर खबरों में हैं। गायिका के अनुसार कभी वह कंगना को चैंपियन मानती थी लेकिन अब वह एक मॉन्स्टर बन गई हैं जिसका कभी उन्होंने खुद विरोध किया था।
एक समाचार पोर्टल से बात करते हुए सोना ने कहा कि कंगना को बॉलीवुड की ‘क्वीन’ का ताज पहनाए जाने से पहले, वह चैंपियन हुआ करती थीं।
asked by many for a pov having been at the forefront of @IndiaMeToo .Finally saw the video of Ms Payal Ghosh. I stand by her right to tell the world her experience & truth. Maligning other women publicly in the bargain basis heresay, in bad taste & wrong. (1)
— Sona Mohapatra (@sonamohapatra) September 22, 2020
हालांकि, वह अब नहीं है। सोना ने कहा कि अब कंगना एक मॉन्स्टर बन गई हैं, जिससे कभी वह लड़ रही थीं। उनमें कई लक्षण दिख रहे है, जिनके बारे में वह शिकायत करती थीं, कुछ तो गंभीर रूप से गलत हुआ है और कंगना वह मॉन्स्टर बन गई है।
आगे बताते हुए सोना ने कहा कि कंगना को वह सब कुछ कर रही है, जिसके खिलाफ वह लड़ रही थीं।
In the industry system that we have, convenience & coteries rule, not conscientiousness. Women; mostly pretty faces ‘seeking opportunities’ from men in the driving seats even after they achieve success. So @IndiaMeToo has had almost no working actor make a call out of consequence
— Sona Mohapatra (@sonamohapatra) September 22, 2020
सोना के अनुसार वह दूसरे लोगों की साख को छीनने की कोशिश करती है। सोना ने कहा कि एक बहुत ही व्यक्तिगत एजेंडा है जिसके साथ वह सहानुभूति रख सकती है।
सोना महापात्रा को यह भी लगता है कि वह खुद को हर उस चीज़ के प्रतिनिधि के रूप में पेश कर रही हैं जो हिंदू और सांस्कृतिक है और वह इसमें पूरी तरह से पाखंडी हैं।
वही. कंगना ने एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बीएमसी और सांसद संजय राउत पर निशाना साधा है।
कंगना ने ट्वीट किया- उद्धव ठाकरे, संजय राउत, बीएमसी, जब मेरा घर ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से तोड़ रहे थे, उस वक़्त उतना ध्यान इस बिल्डिंग पर दिया होता तो आज ये लगभग पचास लोग जीवित होते।
इतने जवान तो पुलवामा में नहीं मरे, जितने मासूमों को आपकी लापरवाही मार गयी। भगवान जाने क्या होगा मुंबई का।