रिपोर्ट : मोहम्मद आबिद
अमरोहा : 14 अप्रैल 2008 की वो घटना जिसे कोई भी नहीं भूल सकता क्योंकि एक पूरा परिवार प्यार के आगोश में समाई शबनम की भेंट चढ़ गया और घटना को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के कहने पर वारदात को अंजाम दे दिया है।
अमरोहा की शबनम को देश के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी दया याचिका को खारिज कर दिया है जिसके बाद अब मथुरा जेल महिला फांसी घर में फांसी की तैयारियां की जा रही है फांसी देने के लिए जल्लाद पवन कुमार भी तैयार हैं जिसके साथ ही पवन कुमार मथुरा जेल का मुआयना भी कर चुके हैं।
वहीं दूसरी तरफ शबनम के 12 साल के बेटे ताज ने राष्ट्रपति से अपनी मां शबनम की जिंदगी की गुहार लगा चुका है और कहा था की उसके ऊपर से मां का साया उठ जाएगा बतादें की शबनम का 12 साल का बेटा अब बुलंदशहर में रह रहा है और शहर के एक नामी स्कूल से पढ़ाई कर रहा है।
वहीं दूसरी तरफ शबनम ने भी राज्यपाल को एक दया याचिका भेजी है जिसमें उसने जिंदगी की गुहार लगाई है।बतादें की सात लोगों की हत्या करने वाली शबनम ने जान बख्श देने की गुहार लगाते हुए दुबारा दया याचिका दायर की है। और दया याचिका को जेल प्रशासन ने शुक्रवार को लखनऊ पहुंचा दिया है। शबनम की दया याचिका न्याय विभाग को भेजी गई है। वहां से राज्यपाल को जाएगी और राजभवन से राष्ट्रपति को भेजा जाना है।
14 अप्रैल 2008 को शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर एक जघन्य अपराध को अंजाम दिया था और अब दोनों को सजा ए मौत हो सुनाई जा चुकी है। हालांकि कोर्ट ने अभी शबनम के डेथ वारंट जारी नहीं किए हैं। इसके बावजूद रामपुर जिला कारागार में बंद शबनम को मथुरा जेल में बने महिला फांसीघर में फांसी पर लटकाने की तैयारी की जा रही है।
वहीं शबनम के डेथ वारंट जारी होने से पहले ही शबनम को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं और शबनम के मुकदमे की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के दो वकीलों ने गुरुवार को रामपुर जेल पहुंचकर दोबारा दया याचिका दायर करने के लिए जरूरी पेपर तैयार कर जेल प्रशासन को सौंप दिए थे जिसके बाद जेल प्रशासन ने शबनम की दया याचिका को लखनऊ में प्रमुख सचिव न्याय और अमरोहा जिला जज की अदालत में रिसीव करा दिया है।अब आगे देखना होगा की हात्यारन शबनम को फांसी हो पाती है या नहीं।