गुरुवार को दोपहर बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई. रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटी कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसली ने बाजार पर दबाव बहुत ज्यादा बढ़ा दिया. ऑटो और मेटल शेयरों में खरीदारी से बाजार को थोड़ा सहारा मिला, नहीं तो गिरावट और ज्यादा होती. कमजोर विदेशी संकेतों का भी घरेलू बाजारों पर असर पड़ा.
बाजार के प्रमुख सूचकांकों में पिछले लगातार 10 सत्रों से तेजी जारी थी. यह 13 साल में तेजी का सबसे बड़ा सिलसिला था. पिछले कुछ सत्रों से बाजार थका हुआ दिख रहा था.
विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा. इसलिए निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए. इंडिया वीआईएक्स में 4 फीसदी से ज्यादा तेजी आई है. यह बाजार में उतार-चढ़ाव का संकेत देता है. इसमें तेजी आने पर बाजार में गिरावट आती है.
दीन दयाल इनवेस्टमेंट के टेक्निकल एनालिस्ट मनीष हाथीरमानी ने कहा, “सुबह बाजार खुलने पर निफ्टी दिशाहीन नजर आया. हालांकि, अभी भी बाजार का रुख पॉजिटिव है, लेकिन सत्र के दौरान उतार-चढ़ाव से थोड़ी उलझन पैदा हुई है. तेजी के लिए 12,030-12,040 से ऊपर निकलना होगा. 11,800 का स्तर टूटने का मतलब है कि बाजार नीचे जाएगा. तब तक बाजार के सीमित दायरे में चढ़ने-उतरने की उम्मीद है.
गुरुवार को बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को 2.7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसकी वजह यह है कि गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण गिरकर 157.85 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है.
दिन में 1:12 बजे बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 892 अंक यानी 2.19 फीसदी गिरकर 39,902 पर आ गया. एनएसई का निफ्टी 50 भी 215 अंक यानी 2.18 फीसदी गिरकर 11,755 पर आ गया. सबसे ज्यादा मुनाफावसूली आईटी शेयरों में हुई. एचीसीएल टेक्नोलॉजी का शेयर 3.84 फीसदी गिर गया. इसके बाद टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, टीसीएस और आईटीसी के शेयरों में गिरावट आई.
सबसे ज्यादा चढ़ने वाले शेयरों में टाटा स्टील अव्वल रहा. इसमें 2.33 फीसदी की तेजी आई. इसके अलावा बीपीसीएल, ओएनजीसी, यूपीएल, आईओसी, अदानी पोर्ट्स और एशिया पेंट्स के शेयरों में तेजी दिखी.
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