आगरा : ताजनगरी के वेदा कॉलेज में वसंत पंचमी का त्यौहार बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यहां पर लोग गेंदे के फूलों की तरह से सज धज कर ज्ञान की देवी यानि मां सरस्वती की पूजा अर्चना में लगे हुए हैं। इसके साथ ही एक दूसरे को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं भी दे रहे हैं।
आपको बता दें कि कोरोना काल की वज़ह से सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। इस दौरान वेदा के छात्र-छात्राओं ने मां सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा इसी तरह वसंत पंचमी का त्यौहार मनाते हैं और इस दिन हम कुछ ना कुछ नया और बेहतर करने की कोशिश करते हैं।
बता दें कि मां सरस्वती की पूजा के साथ ही वसंत ऋतु का आगमन हो जाता है, जिसे लेकर चारों तरफ हर्षोल्लास का माहौल रहता है। वहीं किसान इस ऋतु का बड़े जोर-शोर के साथ स्वागत करते है। ‘पौराणिक कथाओं की मानें तो वसंत को कामदेव का पुत्र कहा गया है।
कवि देव ने वसंत ऋतु का वर्णन करते हुए कहा है कि रूप व सौंदर्य के देवता कामदेव के घर पुत्रोत्पत्ति का समाचार पाते ही प्रकृति झूम उठती है, पेड़ उसके लिए नव पल्लव का पालना डालते है, फूल वस्त्र पहनाते हैं पवन झुलाती है और कोयल उसे गीत सुनाकर बहलाती है। भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है ऋतुओं में मैं वसंत हूँ।
वसंत ऋतु में वसंत पंचमी, शिवरात्रि तथा होली नामक पर्व मनाए जाते हैं। भारतीय संगीत साहित्य और कला में इसे महत्वपूर्ण स्थान है। संगीत में एक विशेष राग वसंत के नाम पर बनाया गया है जिसे राग बसंत कहते हैं। वसंत राग पर चित्र भी बनाए गए हैं।