रिपोर्ट – माया सिंह
बॉलीवुड से बुरी ख़बर आने का सिलसिला थम नहीं रहा है । एक के बाद एक आय दिन दिग्गज कलाकारों की निधन की ख़बरे आ रही हैं । आज फिर से एक अनमोल रत्न को बॉलीवुड ने खो दिया। एक जाने- माने पटकथा लेखक, संवाद लेखक और निर्देशक सागर सरहदी का निधन हो गया है । उनकी उम्र 87 साल थी। सागर सरहदी ने अपने मुंबई स्थित घर पर अंतिम सांस ली। आज सुबह 11 से 12 बजे के बीच उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा । असल में, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और आखिरी दिनों में उन्होंने खाना-पीना भी छोड़ दिया था ।
बता दें कि सागर सरहदी हिंदी फिल्म उद्योग के सबसे बेहतरीन कहानीकारों में से एक थे। उन्होनें ‘नूरी’, ‘बाज़ार’, ‘कभी-कभी’, ‘सिलसिला’, ‘चांदनी’, ‘दीवाना’ और ‘कहो ना प्यार है’ जैसी प्रतिष्ठित फ़िल्मों के पटकथा लिखी थी ,जो बाद में ब्लॉकबस्टर बन गईं।
जानकारी के लिये बता दें कि सागर सरहदी का असली नाम गंगा सागर तलवार है । उनका जन्म 1933 में एबटाबाद में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में हैं। वे एक अनुभवी IPTA सदस्य थे, जिन्होंने खालसा और सेंट जेवियर्स के लिए अपने अंतर-कॉलेजियम थिएटर प्रतियोगिताओं में फारूक शेख और शबाना आज़मी जैसे कलाकारों को पेश किया था।
गौरतलब है कि फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले सरहदी एक उर्दू लेखक थे। उन्होंने कई लघु कथाएँ और नाटक लिखे। उनकी निधन की खबर से बॉलीवुड इंडस्ट्री शोक में डूबा हुआ है।