मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान लगातार सुर्खियों में रहीं पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अब फिर चर्चा में हैं. निशा बांगरे ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने उन्हें विधायक का टिकिट भी नही दिया और उनकी नौकरी भी चली गई अब वह भाजपा में आ सकती है.
निशा के इस बयान के बाद भाजपा ने कहा है की निशा दिशाहीन हो गई पहले उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ी फिर राजनीति ज्वाइन करी पहले वह निर्धारित करने की उन्हें सरकारी नौकरी करना है या राजनीति में आना है इसके बाद ही कोई अगला फैसला करें तो वह उनके लिए बेहतर होगा.
आपको बता दें निशा बांगर ने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस ज्वाइन करी थी और वह बैतूल जिले की आमला सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती थी.
कांग्रेस में उन्हें टिकट देने का आश्वासन भी दिया था लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस ने मनोज मालवे को टिकट दे दिया. राजनीति में सम्मानजनक पद न मिलने पर निशा बागरे अब पुन शासकीय सेवा में जाना चाहती है हालांकि उनका यह भी कहना है कि यदि बीजेपी से ऑफर आता है तो वह एक बार फिर विचार कर सकती है.
निशा बांगरे छतरपुर के लवकुश नगर में SDM के पद पर थीं. विधानसभा चुनाव 2023 में निशा को उम्मीद थी कि कांग्रेस बैतूल की आमला विधानसभा से उन्हें टिकट देगी. आमला में सरकारी नौकरी में रहते हुए निशा ने अपने कामों से खूब सुर्खियां बटोरीं. इसी को भुनाने के लिए निशा ने विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा भेज दिया लेकिन सरकार ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया. इसके बाद निशा सरकार से सीधे टक्कर लेने के लिए खड़ी हो गईं. निशा ने हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। निशा ने आमला से भोपाल तक सरकार के खिलाफ पदयात्रा भी की और आखिरकार कोर्ट के आदेश के बाद 23 अक्टूबर को सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था.
छतरपुर जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहीं निशा बांगरे बैतूल की आमला सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती थीं. लेकिन उनको विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी मौके पर टिकट नहीं दिया गया था. अब सरकारी नौकरी में वापस आने के लिए निशा बांगरे ने आवेदन दिया है. निशा ने जीएडी (GAD) यानी सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Administration) को नौकरी में वापस आने के लिए आवेदन दिया है.
निशा ने बताया कि नौकरी में वापसी का मामला मुख्यमंत्री ही देखेंगे. उन्हीं के पास इसका विभाग भी है. पूर्व अधिकारी ने कहा, “लेकिन वह नहीं चाहेंगे कि मैं दोबारा नौकरी में वापस आ सकूं. इसलिए वे ऐसा नहीं करेंगे. यही वजह है कि मैंने नौकरी दोबारा पाने के लिए अप्रोच नहीं किया.” निशा के मुताबिक परिवार की संतुष्टि के लिए ही उन्होंने आवेदन किया था. लेकिन वे अब राजनीति में ही आगे प्रयास करना चाहती हैं.
निशा बांगरे का जन्म बालाघाट में हुआ था. 2010 से 2014 के बीच निशा ने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की. बाद में अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी कर अपने कॅरियर की शुरुआत की. हालांकि बाद में उन्होंने प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का फैसला लेते हुए 2016 में मध्य प्रदेश पीएससी की परीक्षा दी. PSC परीक्षा में पास होने के बाद उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पर हुआ.